Governor Vs Government: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके (DMK) और राज्यपाल आरएन रवि (RN Ravi) के बीच विवाद गहरा गया है. यह पूरा विवाद अभिभाषण को लेकर शुरू हुआ. दरअसल, राज्यपाल ने विधानसभा में सरकार की तरफ से तैयार किए गए अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया था. इस पूरे अभिभाषण के बाद सीएम स्टालिन ने कुछ अंशों को अनदेखा करने पर रोष व्यक्त किया. इस पूरे हंगामे के बीच राज्यपाल ने विधानसभा से वॉकआउट कर लिया.
दरअसल, राज्यपाल ने राज्य सरकार की तरफ से तैयार किए गए अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया था, जिसमें धर्मनिरपेक्षता, तमिलनाडु को शांति का स्वर्ग बताया गया था, बीआर आंबेडकर, के कामराज, सीएन अन्नादुरई और करुणानिधि जैसे नेताओं का उल्लेख किया था. उन्होंने 'द्रविड़ियन मॉडल' को लेकर बताई गई बातों को भी नहीं पढ़ा जिसे सत्तारूढ़ डीएमके बढ़ावा देती है.
राज्यपाल के खिलाफ लगे नारे
इसके खिलाफ एमके स्टालिन ने एक प्रस्ताव पारित किया. इसमें उन्होंने कहा कि राज्यपाल की कार्रवाई विधानसभा की परंपराओं के खिलाफ थी. कांग्रेस, वीसीके (VCK), सीपीआई, और सीपीआई (एम) ने भी राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया था. साथ ही उन्होंने राज्यपाल के खिलाफ नारे भी लगाए. इन सबके बीच राज्यपाल आरएन रवि ने सदन से वॉक आउट कर दिया.
DMK पर बीजेपी का निशाना
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की विधायक वनथी श्रीनिवासन (Vanathi Srinivasan) ने आरोप लगाया कि राज्यपाल की तरफ से पढ़े जाने वाले अभिभाषण के लिए सरकार ने राजभवन की सहमति नहीं ली थी. उन्होंने रवि का बचाव कर द्रमुक शासन पर निशाना साधा और मनमारी का आरोप लगाया.