नई दिल्ली: अनगिनत टैक्स से आजादी वाली नई कर व्यवस्था GST यानी गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स एक जुलाई से लागू होगी. इसके लिए संसद के सेंट्रल हॉल में 30 जून-एक जुलाई की दरमियानी रात ठीक 12 बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस नई कर व्यवस्था के लागू होना का एलान करेंगे. इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. मोदी सरकार का ये भव्य आयोजन 15 अगस्त 1947 की आधी रात की याद दिलाएगा.


याद रहे कि 15 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी. अब ऐसा करके मोदी सरकार शायद लोगों को ये एहसास दिलानी चाहती है कि 30 जून-एक जुलाई 2017 की आधी रात भी अनगिनत टैक्स से आजादी की रात है.


नई कर व्यवस्था के लागू होने को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, लॉन्च का जो समारोह है वो संसद के सेंट्रल हॉल में होगा और जैसे ही रात को 12 बजेंगे तो इसका आधिकारिक लॉन्च माननीय राष्ट्रपति जी की मौजूदगी में होगा.


संसद के सेंट्रल हॉल में ठीक रात 11 बजे एक देश एक टैक्स यानि जीएसटी को लागू करने वाला कार्यक्रम शुरू होगा और ये रात 12 बजकर 10 मिनट तक चलेगा. कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा.


राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा यहां उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन सहित लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री, जीएसटी काउंसिल के सभी सदस्य और इससे जुड़े सभी लोग मौजूद रहेंगे.


इसके अलावा दो बेहद खास मेहमानों को भी आमंत्रित किया गया है, पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह और एच डी देवगौड़ा.


अरुण जेटली का कहना है कि जिस तरह से सारे देश की राजनीतिक व्यवस्था इस निर्णय में लगी है उसके अनुकूल इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.


30 जून को जैसे ही रात के 12 बजेंगे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एक घंटे को बजाकर देशभर में जीएसटी के लागू होने का ऐलान करेंगे यानि घंटे की गूंज देश में जीएसटी लागू हो जाने का उद्घोष होगा. और इस तरह 15 अगस्त 1947 की आधी रात को जिस तरह देश अंग्रेज़ों से आज़ाद हुआ था ठीक उसी तरह 30 जून की आधी रात को देश अनगिनत टैक्स से आज़ाद हो जाएगा.


जम्मू-कश्मीर और केरल में मंजूरी नहीं


वित्त मंत्री अरूण जेटली के मुताबिक सरकार इस ऐतिहासिक बदलाव के लिए पूरी तरह तैयार है, अब तक करीब 65 लाख लोग अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, हालांकि अभी तक जम्मू-कश्मीर और केरल की सरकार ने जीएसटी विधेयक को मंज़ूरी नहीं दी है. जेटली ने इस पर कहा है कि इसका नुकसान इन राज्यों के व्यापारी और उपभोक्ता दोनों को उठाना पड़ेगा. क्योंकि उन्हें इनपुट टैक्स का फायदा नहीं मिलेगा, उन्हें दो बार ज्यादा टैक्स भरना पड़ेगा और उपभोक्ता को सामान देश के बाकी हिस्सों से ज्यादा महंगा मिलेगा.


हालांकि, जेटली के मुताबिक केरल में आने वाले कुछ दिनों में ही जीएसटी विधेयक को मंज़ूरी मिल जाएगी जबकि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हासिल होने की वजह से देरी हो रही है. सरकार का लक्ष्य जीएसटी लागू कर देश की जीडीपी में दो फीसदी के इज़ाफे का भी है.