नई दिल्ली: देश में बड़े स्तर पर सरकारी संपत्तियों का निजीकरण होने जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 लाख करोड़ रुपए की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) की घोषणा कर दी है. एनएमपी के तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मौद्रिकरण शामिल हैं. सरकार का कहना है कि इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाए जाएंगे और संपत्तियों का विकास किया जाएगा. जानिए सरकार हाइवे, रेलवे और टेलीकॉम समेत 13 संपत्तियों में कितनी हिस्सेदारी बेच रही है.
दरअसल एनएमपी के तहत वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक यानी चार सालों में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्तियों के माध्यम से छह लाख करोड़ रुपए की निवेश संभावनाओं का अनुमान है.
इन सभी संपत्तियों पर सरकार का स्वामित्व बना रहेगा- सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "बुनियादी ढांचा एनएमपी में पहले से मौजूद संपत्तियों की बात की जा रही है, जिनका बेहतर मौद्रिकरण करने की जरूरत है. संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास बना रहेगा और एक निश्चित समय के बाद उनका नियंत्रण लौटाना अनिवार्य होगा. इसलिए ऐसी कोई अस्पष्टतता नहीं रहनी चाहिए कि सरकार कुछ बेच रही है. ऐसा नहीं है. ये मौजूदा संपत्तियां हैं, जिनपर सरकार का स्वामित्व बना रहेगा.
आधे से ज्यादा हिस्सा सड़क और रेलवे क्षेत्र से जुड़ा
बड़ी बात यह है कि इस योजना का आधे से ज्यादा हिस्सा सड़क और रेलवे क्षेत्र से जुड़ा है. निजी निवेश हासिल करने के लिए चेन्नई, भोपाल, वाराणसी और वडोदरा सहित भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के करीब 25 हवाई अड्डे, 40 रेलवे स्टेशनों, 15 रेलवे स्टेडियम और कई रेलवे कॉलोनी की पहचान की गई है. इन्हें निजी क्षेत्र के निवेश से विकसित किया जायेगा.
किन-किन संपत्तियों में कितनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार?
- 6 लाख करोड़ रुपए का सबसे बड़ा हिस्सा इस समय चालू राष्ट्रीय राजमार्गों और नई सड़कों के 26,700 किलोमीटर के मौद्रिकरण से आएगा.
- 1.52 लाख करोड़ रुपए में 400 रेलवे स्टेशनों, 90 यात्री ट्रेनों, 741 किलोमीटर लंबे कोंकण रेलवे और 15 रेलवे स्टेडियमों और कॉलोनियों का मौद्रिकरण होगा
- 45,200 करोड़ रुपए बिजली के 28,608 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों के मौद्रिकरण से मिलेंगे.
- 39,832 करोड़ रुपए छह गीगावाट की विद्युत उत्पादन संपत्तियों से आएंगे.
- 35,100 करोड़ रुपए दूरसंचार क्षेत्र में भारतनेट फाइबर के 86 लाख किलोमीटर और बीएसएनएल और एमटीएनएल के 14,917 सिग्नल टावरों के मौद्रिकरण से मिलेंगे.
- 29,000 करोड़ रुपए गोदामों और कोयला खदानों में मौद्रिकरण से आएंगे.
- 24,462 करोड़ रुपए 8,154 किलोमीटर लंबे प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों के मौद्रिकरण से आएंगे.
- 22,504 करोड़ रुपए 3,930 किलोमीटर उत्पाद पाइपलाइनों के मौद्रिकरण से मिलेंगे.
- 20,782 करोड़ रुपए हवाई अड्डों के मौद्रिकरण से
- 12,828 करोड़ रुपए बंदरगाहों से मिलेंगे.
- 11,450 करोड़ रुपए दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम सहित दो राष्ट्रीय स्टेडियम और बेंगलुरू और जीरकपुर में स्थित दो क्षेत्रीय केंद्रों के मौद्रिकरण से मिलेंगे.
- 15,000 करोड़ रुपए दिल्ली में सरोजिनी नगर और नौरोजी नगर सहित 7 आवासीय कॉलोनियों के पुनर्विकास और साथ ही घिटोरनी में 240 एकड़ भूमि पर आवास/वाणिज्यिक इकाइयों के विकास से जुटाए जाएंगे.