1 मई से लाल बत्ती को बाय-बाय, फैसले के बाद मंत्रियों ने लाल बत्ती हटाना किया शुरू
नई दिल्ली: मोदी सराकर ने वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए बड़ा फैसला किया है. एक मई से देश की सभी गाड़ियां एक समान दिखेंगी, क्योंकि वीआईपी अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं लगा पाएंगे.
यहां जानें- कौन-कौन लोग हैं जो करते हैं 'लाल बत्ती' का इस्तेमाल
पीएम मोदी के आदेश के बाद वीआईपी हस्तियों ने अपनी गाड़ियों से लाल बत्ती हटाने का काम शुरू कर दिया है. एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान कल नर्मदा यात्रा के लिए जबलपुर में थे. पीएम के फैसले के बाद उन्होंने मंच से ही लाल बत्ती छोड़ने का एलान किया इसके बाद शिवराज ने अपनी गाड़ी से लाल बत्ती हटवाई फिर बिना लाल बत्ती वाली गाड़ी से एयरपोर्ट गए.
Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan has removed the red beacon from his car. pic.twitter.com/2IKnWJC91Z
— ANI (@ANI_news) April 19, 2017
फैसले के बाद गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी देर रात अपनी सरकारी गाड़ी से लाल बत्ती उतरवा दी. बिहार दौरे पर गए मोदी सरकार के दो मंत्रियों राधा मोहन सिंह औऱ गिरिराज सिंह ने अपनी सरकारी गाड़ियों से लाल बत्ती हटवा दी थी.
अब 1 मई से केंद्र और राज्य का कोई भी मंत्री, अधिकारी लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा
देश से लाल बत्ती की विदाई का फैसला हुआ और मंत्रियों ने तत्काल इस अमल करना शुरू कर दिया है. महेश शर्मा ने भी कार से लाल बत्ती हटवा दी. वहीं, ट्रांसपोर्ट मंत्री गडकरी तो पहले ही लाल बत्ती हटा चुके थे.
लाल बत्ती हटाने के आदेश के साथ ही 28 साल पुरानी परंपरा खत्म हो गई है. एक मई के बाद कोई भी कार पर लाल बत्ती नहीं लगा पाएगा. सरकार ने लाल बत्ती हटाने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट से वो नियम ही हटा दिया है जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकारें वीआईपी लोगों को लाल बत्ती लगाने की इजाजत देती है.
सितंबर 2013 में ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में लाल बत्ती के सीमित इस्तेमाल की पैरवी की थी. प्रधानमंत्री के आदेश के बाद अब एक मई से किसी भी कार में लाल बत्ती नहीं दिखेगी- देश में वीआईपी कल्चर खत्म करने की दिशा में ये बड़ा कदम है. प्रधानमंत्री खुद कह रहे हैं कि देश का हर आदमी अब वीआईपी है.