नई दिल्ली: सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि सरकार गांधी परिवार को जो एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की सुरक्षा मिली हुई है उसे हटाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को एसपीजी की सुरक्षा मिली हुई है. अब उन्हें एसपीजी की जगह सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा जी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में ये फैसला लिया गया. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा से भी एसपीजी कवर हटाकर सीआरपीएफ की जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी.


इस फैसले का कांग्रेस विरोध किया है. कांग्रेस के सीनियर नेता सलमान खुर्शीद ने फैसल की निंदा की है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष की वजह से ऐसा फैसला किया गया है. गृहमंत्रालय क सूत्रों ने बताया कि एसपीजी ने अपनी रिपोर्ट में गांधी परिवार के 30 विदेशी दौरे का हवाला दिया. एसपीजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बिना उनकी सुरक्षा लिए वे देश से बाहर चले गए. इस दौरान उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई.






SPG सुरक्षा क्या है


यह देश में सबसे ऊंचे स्तर की सुरक्षा है जो वर्तमान प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को दी जाती है. SPG देश के सबसे जांबाज सिपाही कहे जाते हैं. विशेष सुरक्षा दल (Special Protection Group- SPG) 2 जून, 1988 में भारत की संसद के एक अधिनियम द्वारा बनाया गया था. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. यह केंद्र का विशेष सुरक्षाबलों में से एक है. इन जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स (BSF, CISF, ITBP, CRPF) से किया जाता है. यह बल गृह मंत्रालय के अधीन है. SPG देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक है.


ये जवान एक फुली ऑटोमेटिक गन FNF-2000 असॉल्ट राइफल से लैस होते हैं. कमांडोज के पास ग्लोक 17 नाम की एक पिस्टल भी होती है. कमांडो अपनी सेफ्टी के लिए एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट भी पहनते हैं. SPG के जवान अपने आंखों पर एक विशेष चश्मा पहने रहते थे. इससे उनकी आखों को हमले से बचाया जाता है साथ ही वह किसी भी प्रकार का डिस्ट्रैक्शन नहीं होने देता हैं. आखिर में बता दें कि SPG एक हमलावर फोर्स नहीं बल्कि रक्षात्मक फोर्स है.