नई दिल्ली: Google और Facebook जैसे डिजिटल एडवरटाइजिंग प्लेटफॉर्म पर भारतीय कंपनियों द्वारा दिए गए विज्ञापनों से भारत सरकार को प्राप्त होने वाले टैक्स में 59 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इस बात की जानकारी लाइव मिंट को एक अधिकारी ने दी. यह आकड़े इस साल के मार्च महीने तक की हैं.


अधिकारी ने बताया, '' इन डिजिटल एडवरटाइजिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से कर विभाग ने बीते वित्त वर्ष में 939 करोड़ रुपये इक्ट्ठा किए. जबकि इससे पिछले वर्ष 590 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे.''


इससे साफ पता चलता है कि बीते वित्त वर्ष में भारतीय कंपनियों ने फेसबुक और गूगल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को विज्ञापन प्रकाशित करने लिए कम से कम 15,650 करोड़ रुपये दिए. इससे पिछले वर्ष करीबन 9,800 करोड़ रुपये भारतीय कंपनियों ने विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए खर्च किए थे.


एडवाइजरी फर्म ट्रांजैक्शन स्क्वायर के संस्थापक गिरीश वनवारी ने कहा, ''इस क्षेत्र से डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ-साथ कर राजस्व में और अधिक वृद्धि होने की बहुत बड़ी संभावना है.''


क्या है नियम

दरअसल जून 2016 में लागू इक्वलाइजेशन लेवी के तहत देश के कारोबारियों/कंपनियों द्वारा विदेशी ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडरों, जिनमें कि ट्विटर, फेसबुक, गूगल और याहू जैसी कंपनियां शामिल हैं, आदि को दिए ऑनलाइन विज्ञापन के लिए भुगतान की गई राशि पर 6% इक्वलाइजेशन लेवी वसूला जाता है. यह राशि तभी दिया जाता है जब खर्च की गई राशि पूरे साल में 1 लाख से अधीक हो. ऐसे में अगर कंपनी ने विदेशी प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन के लिए एक लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं तो विज्ञापनकर्ता को स्रोत पर लगे कर को घटा कर इसे भारत सरकार के पास जमा करना होता है.


यह भी देखें