क्या दिल्ली HC में लंबित याचिका के चलते प्रियंका गांधी को दिया गया सरकारी आवास खाली करने का नोटिस?
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में सवाल उठाया गया था कि दिल्ली में ऐसे कई बंगले और सरकारी आवास है जिनमें लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं. इसमें पूर्व सांसद से लेकर कई बड़े नौकरशाह और सरकारी नौकरियों में काम करने वाले लोग भी शामिल हैं.
नई दिल्ली: प्रियंका गांधी वाड्रा को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस क्या केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा फरवरी महीने में लगाई के फटकार के बाद जारी किया है. क्योंकि केंद्र सरकार को हाईकोर्ट में हलफनामा देकर बताना है कि कितने लोग अभी भी अवैध तौर पर सरकारी मकानों या बंगलों में रह रहे हैं. इससे पहले जब फरवरी महीने में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से ऐसे सभी लोगों की लिस्ट मांगी थी जो लोग सरकारी आवास हो गया बंगलों में अवैध तौर पर रह रहे हैं.
केंद्र सरकार ने वह लिस्ट जब हाईकोर्ट में सौंपी थी उसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार और विभाग को कड़ी फटकार लगाते हुए जल्द कार्रवाई करने का आदेश दिया था और साथ ही क्या कार्रवाई हुई उसका ब्यौरा भी कोर्ट के सामने रखने को कहा था. हालांकि उस दौरान उस लिस्ट में प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम नहीं था.
केंद्र सरकार ने भेजा बंगला खाली करने का नोटिस प्रियंका गांधी को सरकारी बंगला खाली करने के केंद्र सरकार के नोटिस के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसको राजनैतिक दुर्भावना के तहत की गई कार्रवाई करार दे रहे हैं. केंद्र सरकार ने नोटिस जारी कर कहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा को 1 अगस्त तक अपना सरकारी आवास छोड़ना होगा क्योंकि अब वह उसकी हकदार नहीं है.
नोटिस में कहा गया है कि प्रियंका गांधी को यह सरकारी आवास इस वजह से मिला था क्योंकि उस दौरान वह एसपीजी सुरक्षा घेरे में थी लेकिन अब जबकि उनसे सुरक्षा घेरा वापस किया जा चुका है और नियमों में बदलाव हो चुका है. तो ऐसे में अब नियमों के हिसाब से वह सरकारी आवास में नहीं रह सकती और इस आधार पर उनको अपना सरकारी बंगला खाली करना होगा.
पूर्व सांसद से लेकर कई बड़े नौकरशाह अवैध तरीके से रह रहे दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में सवाल उठाया गया था कि दिल्ली में ऐसे कई बंगले और सरकारी आवास है जिनमें लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं. इसमें पूर्व सांसद से लेकर कई बड़े नौकरशाह और सरकारी नौकरियों में काम करने वाले लोग भी शामिल है.
फरवरी में इस याचिका पर जब दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की तो हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और संबंधित विभागों से जवाब मांगा था. इसके साथ ही केंद्र सरकार और संबंधित विभागों को निर्देश दिया था कि वह ऐसे सभी लोगों की पहचान कर उनसे सरकारी आवास और बंगले खाली करवाएं जो नियमों के खिलाफ और अवैध तरीके से इन आवासों और बंगलो में रह रहे हैं.
हाइकोर्ट में सुनवाई के दौरान अभी तक नहीं आया था प्रियंका गांधी का नाम हालांकि फरवरी में जब हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी उस दौरान प्रियंका गांधी का नाम सुनवाई के दौरान सामने नहीं आया था. लेकिन पिछले साल नवंबर महीने में जब से प्रियंका गांधी से एसपीजी सुरक्षा वापस हुई है उसके बाद से नियमों के हिसाब से वह भी सरकारी आवास के बंगले में नहीं रह सकती हैं यानी इस हिसाब से प्रियंका गांधी भी अपने सरकारी बंगले में अवैध तरीके से ही रह रही थी जो कि नियमों के खिलाफ था और उसी का हवाला देते हुए की गई है ये कार्रवाई.
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