श्रम मंत्रालय ने कहा- सरकार का न्यूनतम वेतन तय करने में देरी का कोई इरादा नहीं
श्रम मंत्रालय ने कहा कि मीडिया के कुछ वर्गों में खबरें आई थीं कि शेयर होल्डर्स का मानना है कि सरकार की तरफ से न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी तय करने में देरी का प्रयास है. मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है.
नई दिल्ली: श्रम मंत्रालय ने कहा है कि सरकार का न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी तय करने में विलंब का कोई इरादा नहीं है. इस तरह कि खबरें आई थीं कि इस मुद्दे पर तीन साल के कार्यकाल वाले विशेषज्ञ समूह के गठन का मकसद न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन तय करने में विलंब करना है. इन खबरों के बाद मंत्रालय ने शनिवार को यह स्पष्टीकरण दिया है.
इससे पहले इसी महीने मंत्रालय ने घोषणा की थी कि केंद्र ने इस मुद्दे पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अजित मिश्रा की अगुवाई में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है. यह समूह न्यूनतम वेतन और मजदूरी तय करने के लिए तकनीकी जानकारी और सिफारिशें देगा. विशेषज्ञ समूह का कार्यकाल तीन साल का है.
मंत्रालय ने कहा, ‘‘मीडिया के कुछ वर्गों में इस तरह की खबरें आई है कि अंशधारकों का मानना है कि यह सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी तय करने में देरी का प्रयास है.’’ इसके साथ ही कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है. विशेषज्ञ समूह जल्द से जल्द सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगा.’’
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