नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सरकार कर राहत का लाभ ले रहे राजनीतिक दलों के लिए एक सीमा तय करने की योजना पर विचार कर रही है ताकि चुनाव नहीं लड़ने वाले ऐसे संगठनों द्वारा धन शोधन पर रोक लगाई जा सके.
उन्होंने कहा कि राजस्व सचिव से कहा गया है कि इस संबंध में आयी चुनाव आयोग की सिफारिशों के सन्दर्भ में इस मुद्दे पर गौर किया जाए. जेटली की टाइम्स नाउ पर की गई यह टिप्पणी काफी महत्व रखती है क्योंकि चुनाव आयोग सरकार को कानूनों में संशोधन कर चुनाव नहीं लड़ने और लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में जीत नहीं दर्ज करने वाली पार्टियों को मिलने वाली कर राहत पर रोक लगाने की सिफारिश की है.
आयोग ने सरकार से इस बात पर भी विचार करने को कहा है कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले 2000 रूपये से अधिक के गुप्त चंदे पर भी रोक लगाई जाए.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मैं बता सकता हूं कि पहली बात यह है कि परोक्ष तौर पर दिये चंदे को चुनाव आयोग ने गुप्त कहा है और दूसरी बात राजनीतिक दलों को मिलने वाली छूट है. 50-60 राजनीतिक दल हैं जो केन्द्र एवं राज्यों में प्रभावी रूप से चुनाव लड़ते हैं.
जेटली ने कहा, ''आपके पास बड़ी संख्या में ऐसे राजनीतिक दल हैं जो चुनाव लड़ने नहीं बल्कि टैक्स छूट हासिल करने के लिए पंजीकृत हुए हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘इस पहलू से आसानी से निबटा जा सकता है. मैंने पहले ही राजस्व सचिव से इस बारे में गौर करने के लिए कह दिया था. लिहाजा हमें एक सीमा अर्हता तय करना होगा ताकि हम ऐसे राजनीतिक दलों को खत्म कर सकें जो वास्तविक राजनीतिक दल न होकर केवल धन पर्वितन के लिए बनाए गए हैं.’’