नई दिल्ली: आजादी के 75 साल पूरे होने तक देश के सभी गांव ब्रॉडबैंड सेवाओं से जुड़ जायेंगे. केंद्र सरकार ने आज राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियान यानी नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन को लॉन्च किया है. नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश के सभी गांव को ब्रॉडबैंड सेवाओं से जोड़ा जाएगा. केंद्र सरकार ने लक्ष्य तय किया है कि देश के लगभग 6,00,000 गांव को 2022 तक ब्रॉडबैंड सेवाओं से जोड़ दिया जाएगा.
7 लाख करोड़ की है परियोजना
देश के सभी गांव को डिजिटल बनाने के मकसद से केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन की शुरुआत की है. इस मिशन को आज केंद्रीय संचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लॉन्च किया है. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि 2022 तक इस परियोजना के तहत 7,00,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा. यह निवेश केंद्र सरकार और निजी क्षेत्र से आएगा. रविशंकर प्रसाद ने बताया कि 7,00,000 करोड़ रुपए में से 10 फ़ीसदी संचार मंत्रालय के यूएसओ फंड से आएगा. इसके अलावा बाकी निवेश निजी क्षेत्र की कंपनियां करेंगी.
इंटरनेट स्पीड को भी बढ़ाया जाएगा
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि आने वाले वर्षों के दौरान ब्रॉडबैंड स्पीड को भी तेजी के साथ बढ़ाया जाएगा. उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों के दौरान देश में ब्रॉडबैंड स्पीड 50 एमबीपीएस तक ले जाने का लक्ष्य है. हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की है.
फिलहाल क्या है स्थिति
फिलहाल देशभर में 5,97,000 गांव हैं जिनमें से लगभग 5,27,000 गांवों में मोबाइल सेवाएं मौजूद हैं. इसके अलावा भारत नेट प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार ने अभी तक 1,22,000 गांवों को इंटरनेट ब्रॉडबैंड से जोड़ दिया है. भारत नेट प्रोग्राम के तहत देश की सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया था. अब उस लक्ष्य को बढ़ाकर ग्राम पंचायतों के बजाय देश के सभी तकरीबन 6,00,000 गांव को ब्रॉडबैंड सेवाओं से जोड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है.
50,00,000 किलोमीटर का बड़ा लक्ष्य
नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन के तहत केंद्र सरकार ने देश के तकरीबन 6,00,000 गांव को जोड़ने का जो लक्ष्य तय किया है उसके तहत 50,00,000 किलोमीटर का ऑप्टिकल फाइबर केबल का नेटवर्क बिछाया जाएगा. मौजूदा समय में देश में 22,00,000 किलोमीटर का ऑप्टिकल फाइबर केबल का नेटवर्क है जो कि 2022 तक 50,00,000 किलोमीटर का हो जाएगा. इसके अलावा देश में मौजूदा समय में 6,65,000 मोबाइल टावर हैं. 2022 तक देश में मोबाइल टावरों की संख्या को बढ़ाकर 10,00,000 किया जाएगा.