कोरोना टीकाकरण अभियान की तेज होगी रफ्तार, अगले चरण में 50 साल से ऊपर के लोगों को खुराक देने की तैयारी
कोरोना टीकाकरण के अगले चरण में 50 साल से ऊपर के लोगों को उसी कैटेगरी में बांटा गया है, जिसमें अभी 60 साल से ऊपर के लोग टीका लगवा रहे हैं. इसके अलावा गंभीर बिमारियों से पीड़ितों को भी टीका लगेगा.
नई दिल्ली: देश में कोरोना टीकाकरण अभियान अब और रफ्तार पकड़ने वाला है. दूसरे चरण के तहत अभी तक 60 साल से ऊपर और 45 साल से ऊपर गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को टीका लग रहा था. अब सरकार अगले चरण में 50 साल से ज्यादा के लोगों को भी कोरोना का टीका लगाने की तैयारी में है.
विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूहों की लिस्ट के अनुसार, अगले चरण में 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारी से पीड़ितों को टीका लगेगा. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में एक अधिकारी ने कहा, 'भारत एक बड़ा देश है. एक साथ 1.3 बिलियन लोगों का टीकाकरण संभव नहीं है. हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वॉरियर्स को प्राथमिकता पर पहले टीका लगाया गया. क्योंकि इन लोगों को संक्रमण का सबसे ज्यादा जोखिम था. अब सामान्य आबादी को भी टीका लगाया जा रहा है, जो एक बड़ी संख्या है. इसलिए उम्र के आधार पर टीका लगाने के लिए लोगों को बांटा गया है.'
देशभर में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण का अभियान शुरू हुआ था. अबतक 2.56 करोड़ से ज्यादा टीके की खुराक लोगों को दी जा चुकी है. इनमें 46 लाख लोगों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है. पिछले 24 घंटों में 13 लाख से ज्यादा टीके की खुराक दी गई. तीसरे चरण में टीकाकरण की रफ्तार और तेज हो सकती है.
जोखिम के हिसाब से चल रहा कोविड-19 का टीकाकरण केंद्र ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि बीमारी के खतरे के आधार पर नागरिकों का कोविड-19 टीकाकरण करने फैसला किया गया है, यह पेशे के आधार पर नहीं किया जा रहा है. केंद्र ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के जवाब में एक हलफनामा दाखिल किया. इसमें न्यायाधीशों, अदालत के कर्मचारियों और वकीलों समेत न्यायिक कामकाज से जुड़े सभी लोगों को 'अग्रिम मोर्चे का कर्मी' घोषित करने का अनुरोध किया गया है ताकि उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 टीके की खुराक मिले.
केंद्र सरकार ने कहा, 'अभी उम्र, जोखिम और रोगों से ग्रस्त होने के आधार पर वर्गीकरण का यह फैसला किया है. कार्यपालिका और विधायिक के लोग भी अभी टीका लेने के हकदार नहीं हैं, जब तक कि उनकी उम्र 60 साल से अधिक ना हो या 45 से 59 के बीच विभिन्न रोगों से ग्रस्त होने की श्रेणी में ना आते हों.'
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