जावड़ेकर ने ट्वीट किया, "मैं सभी शिक्षाविदों, हितधारकों और अन्य से अपनी टिप्पणी और सुझाव सात जुलाई शाम पांच बजे तक 'रिफॉर्मऑफयूजीसीएट जीमेल डॉट कॉम' पर भेजने की अपील करता हूं."
उन्होंने कहा, "ये ड्राफ्ट अधिनियम सरकार द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों को और आजादी देने वाले तंत्र को सुधारने के वादे के तहत तैयार किया गया है, जिससे शिक्षा तंत्र की उत्कृष्टता और समग्र विकास की सुविधा को बढ़ावा दिया जा सके. नियामक तंत्र में परिवर्तन, न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन, अनुदान कार्यो को अलग करने, निरीक्षण राज का अंत करने, अकादमिक गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने और लागू करने करने की शक्तियों के सिद्धांत पर आधारित है."
'भारतीय उच्च शिक्षा आयोग अधिनियम, 2018' नामक यह अधिनियम केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को छोड़कर संसद के किसी भी अधिनियम के अंतर्गत स्थापित उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू होगा.