Republic Day Parade: गणतंत्र दिवस झांकी की थीम क्या हो? सरकार ने दिया ये प्रस्ताव
Republic Day Parade: केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड 2023 (Republic Day Parade) की झांकी के लिए आजादी के 75 साल, अंतरराष्ट्रीय ज्वार-बाजरा वर्ष, नारी शक्ति को थीम (विषय) को चुना है.
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Republic Day 2023 Parade: केंद्र सरकार ने अगले साल यानी 2023 की गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) की झांकी के लिए आजादी के 75 साल, अंतरराष्ट्रीय ज्वार-बाजरा वर्ष, नारी शक्ति को थीम (विषय) के रूप में रखने का प्रस्ताव रखा है. रक्षा मंत्रालय के पत्र में विभिन्न राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए इन तीनों में से किसी एक थीम या तीनों को मिलाकर एक झांकी बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है. भारत की स्वतंत्रता के 75 होने साल होने पर सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि इस थीम पर बनाई जाने वाली झांकियों में भारत के स्वतंत्रता संग्राम, देश की उपलब्धियों, कार्यों और पिछले सात दशकों के संकल्प शामिल हैं.
इसी थीम को क्यों चुना गया?
गणतंत्र दिवस के दिन ज्वार-बाजरा के महत्व पर जोर देने की थीम की जड़ें 2021 में हैं, जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र को 2023 को अंतरराष्ट्रीय ज्वार-बाजरा वर्ष (आईवाईओएम) घोषित करने का प्रस्ताव दिया था. भारत के प्रस्ताव को 72 देशों का समर्थन मिला और संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय ज्वार-बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया.
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय इस अवसर को चिह्नित करने के लिए पहले ही एक कोर कमेटी का गठन कर चुका है और देश में ज्वार-बाजरा उत्पादन व आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए नीतियों के जमीनी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने को लेकर छह कार्यबल का गठन किया गया है. संबंधित विभागों को 30 सितंबर तक अपने प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को सुविचारित प्रस्तावों और संक्षिप्त लेख के साथ प्रस्तुत करने होंगे.
रक्षा मंत्रालय ने यह कहा?
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रत्येक झांकी में छवियों या सामग्री के प्रदर्शन के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले वॉल, मेक्ट्रोनिक्स या रोबोटिक्स का इस्तेमाल कर गतिशील वस्तु, 3डी प्रिंटिंग शामिल होनी चाहिए. इसमें पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग करना चाहिए और जहां तक संभव हो प्लास्टिक और प्लास्टिक-आधारित उत्पादों के उपयोग से बचना चाहिए. साथ ही झांकी के दृश्य प्रभावों को बेहतर बनाने के लिए अधिकतम संभव सीमा तक ‘‘स्पेशल इफैक्ट’’ के उपयोग की सलाह दी गई है.
पिछले साल क्यों हुआ विरोध?
विपक्षी दलों के शासन वाले कई राज्यों की झांकी पिछले साल गणतंत्र दिवस परेड के लिए नहीं चुने जाने पर विवाद हुआ था. इस वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उत्तर प्रदेश की झांकी को सर्वश्रेष्ठ झांकी के रूप में चुना गया था.
साल 2022 की गणतंत्र दिवस में कितनी झांकी थी?
गणतंत्र दिवस 2022 की परेड में कुल 24 झांकी शामिल थी. जिनमें से 12 केंद्र शासित प्रदेश और राज्य की थी.
राज्यों ने 2022 की परेड में क्या दिखाया था?
मेघालय ने अपनी झांकी में महिलाओं के नेतृत्व वाली सहकारी समितियों को दिखाया था. गुजरात ने अपनी झांकी में स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका दिखाई थी. इसमें मार्च 1922 में अंग्रेजी द्वारा 1200 आदिवासियों को नरसंहार को दिखाया गया था. गोवा ने अपनी झांकी में राज्य की ऐतिहासिक धरोहरों को प्रदर्शित किया था.
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