कश्मीर: इंटरनेट-स्मार्टफोन की कमी से जूझ रहे बच्चों के लिए शिक्षकों की खास पहल, खुले मैदान में शुरू की कम्युनिटी क्लास
लॉकडाउन के चलते मार्च में सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे और उससे पहले 2019 में भी धारा 370 हटाये जाने के बाद कर्फ्यू के चलते सात महीनों तक स्कूल और कॉलेज बंद रहे थे
![कश्मीर: इंटरनेट-स्मार्टफोन की कमी से जूझ रहे बच्चों के लिए शिक्षकों की खास पहल, खुले मैदान में शुरू की कम्युनिटी क्लास Govt school teachers voluntarily hold community classes in North Kashmir far flung areas-ann कश्मीर: इंटरनेट-स्मार्टफोन की कमी से जूझ रहे बच्चों के लिए शिक्षकों की खास पहल, खुले मैदान में शुरू की कम्युनिटी क्लास](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/09/08224537/kashmir.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
श्रीनगर: पिछले 6 महीने से स्कूल बंद होने के चलते बच्चों को शिक्षा में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए नित नए प्रयास हो रहे हैं. जहां एक तरफ पूरे देश और प्रदेश में ऑनलाइन क्लासेज़ के ज़रिये बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, लेकिन कश्मीर में हर जगह न तो इंटरनेट ही है और न सब के पास स्मार्टफोन.
इसीलिए उत्तरी कश्मीर के हंदवारा में सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने खुद ही अब कम्युनिटी क्लास शुरू करके बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है. जहां पर करीब 200 से ज्यादा ऐसे बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, जो ऑनलाइन क्लास से किसी कारण जुड़ नहीं सकते.
इसके लिए ये शिक्षक एक खुले मैदान में क्लास आयोजित करते हैं और दूर दराज़ के गांव में ऐसी जगहों की कमी नहीं. इसी लिए कोरोना लॉकडाउन में भी बच्चे स्कूल का मज़ा ले सके, इस बात पर यह शिक्षक पूरा ज़ोर लगा रहे हैं.
लॉकडाउन के चलते मार्च में सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे और उससे पहले 2019 में भी धारा 370 हटाये जाने के बाद कर्फ्यू के चलते सात महीनों तक स्कूल और कॉलेज बंद रहे थे, जिससे बच्चों की शिक्षा को काफी नुकसान हुआ था.
ऐसे ही एक ओपन एयर क्लास को चला रहे सरकारी शिक्षक मेहराजुद्दीन ज़रगर के अनुसार जहां प्रशासन और शिक्षा विभाग ने जून के महीने से ही इस तरह के क्लास चलाने के आदेश जारी किये थे, लेकिन कोरोना के डर से काफी कम संख्या में बच्चे इनमें शामिल हो रहे थे. लेकिन अब बड़ी संख्या में बच्चे अपनी इस साल की पढ़ाई पूरी करने के लिए आ रहे हैं.
शिक्षक भी बड़ी लगन से बच्चों को पढ़ा रहे हैं, ताकि उनका साल खराब ना हो जाए. लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों और इसके कारण हर दिन होने वाली मौत के बढ़ते आंकड़ों से शिक्षक और बच्चे दोनों डरे हुए हैं. इसीलिए चलाये जानी वाली सभी क्लास और स्कूल COVID protocols के सख्त नियमों के तहत ही चलाए जा रहे हैं.
जहां बाकी देश में अभी भी बच्चों के सामने इस साल के पांच महीने बाकी हैं, लेकिन कश्मीर घाटी में नवम्बर महीने में ही नया सेशन शुरू हो जाता है. और अगले एक महीने के अंदर ही सभी परीक्षा शुरू होनी है. इसीलिए बच्चे बड़ी लगन से और शिक्षक बड़ी निष्ठा से अपना-अपना काम कर रहे हैं.
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