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हज पर सब्सिडी खत्म, हिंदू-मुस्लिम राजनीति शुरू: जानें सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?
हज यात्रियों को हवाई यात्रा के लिए 16 हजार रुपये देने होते थे. बाकी किराया सरकार सब्सिडी के रूप में देती थी. 2016 में हज यात्रा पर सरकार ने 405 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
नई दिल्ली: हज यात्रा को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. केंद्र सरकार ने हज यात्रा पर मिलने वाली सब्सिडी कल खत्म कर दी है. सरकार के इस फैसले के बाद देश में हिंदू- मुस्लिम राजनीति शुरु हो गई है. सरकार पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा है कि अयोध्या, काशी मथुरा और मानसरोवर यात्रियों को पैसा देना बंद करोगे?
ओवैसी ने एक के बाद एक ट्वीट कर बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा
ओवैसी ने एक के बाद एक कुल छह ट्वीट कर बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा है और पूछा है कि क्या बीजेपी योगी आदित्यनाथ सरकार को अयोध्या, काशी, मथुरा के तीर्थयात्रियों पर 800 करोड़ रुपये खर्च करने से रोकेगी? ओवैसी ने यह भी पूछा कि क्या मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले हरेक तीर्थयात्री को मिलने वाले डेढ़ लाख रुपये रोक दिए जाएंगे?
दूसरे ट्वीट में ओवैसी ने पूछा है कि बीजेपी की हरियाणा सरकार ने डेरा सच्चा सौदा समिति को एक करोड़ रुपये क्यों दिए? क्या यह वोट के लिए तुष्टिकरण नहीं है? ओवैसी ने पूछा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार को सिंहस्थ महाकुंभ के लिए क्यों 100 करोड़ रुपये दिए और मध्य प्रदेश सरकार ने उस पर 3400 करोड़ रुपये क्यों खर्च किए? क्या यह तुष्टिकरण नहीं है?
ओवैसी ने मोदी सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि हज सब्सिडी खत्म करने के बाद मुस्लिम लड़कियों के स्कॉलरशिप के लिए अपने कहानुसार 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित करे. उन्होंने लिखा है, “मुझे इस पर भी संशय है कि मोदी ऐसा करेंगे. खैर इंतजार भी ज्यादा लंबा नहीं है. 2018-19 का अगला बजट जल्द आनेवाला है, देखेंगे.”
सशक्तिकरण के लिए ईमानदारी से काम करे रहे: नकवी
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ''हम सम्मान के साथ सशक्तिकरण करेंगे, हम तुष्टिकरण के साथ सशक्तिकरण नहीं करेंगे. अल्पसंख्यक समाज के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए ईमानदारी और मजबूती के साथ हम काम कर रहे हैं.''
दरअसल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में 10 साल के भीतर हज सब्सिडी खत्म करने के आदेश दिए थे. सरकार ने चार साल पहले ही सब्सिडी खत्म कर दी. लोकसभा चुनाव अगले साल हैं और अब हज सब्सिडी के बहाने हिंदू मुस्लिम राजनीति शुरू हो गई है. हालांकि मुस्लिम धर्मगुरु और जानकार कह रहे हैं कि हज सब्सिडी से मुस्लिमों का कोई फायदा नहीं हो रहा था.
हज यात्रा पर सरकार कितना खर्च कर रही थी?
अब तक हज यात्रियों को हवाई यात्रा के लिए 16 हजार रुपये देने होते थे. बाकी किराया सरकार सब्सिडी के रूप में देती थी. इस हिसाब से 2016 में हज यात्रा पर सरकार ने 405 करोड़ रुपये खर्च किए यानी एक यात्री पर 45 हजार रुपये. 2015 में 529 करोड़ की सब्सिडी दी गई यानी एक यात्री पर 42 हजार और 2014 में हज यात्रा पर 577 करोड़ का खर्च आया था यानी एक यात्री पर 35 हजार का खर्च आया.
हज सब्सिडी खत्म करने के साथ ही सरकार ने दूसरे विकल्पों की तलाश भी शुरू कर दी है जिससे हाजियों को यात्रा के लिए कम पैसे लगेंगे. मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘’हमनें कई विकल्प दिए हुए हैं जहां से सस्ते दर में भी हज यात्रा पर लोग जा सकते हैं. साथ ही साथ आने वाले दिनों में हम पानी के जहाज से भी हज यात्रा शुरू करेंगे.’’
बता दें कि पहले जहाज से सफर करने में 12 से 15 दिन लगते थे, लेकिन आजकल ऐसे आधुनिक जहाज हैं जिनसे बमुश्किल तीन से चार दिन लगते हैं. यहां आपको बता दें कि 1995 में समुद्री रास्ते से हज यात्रा बंद कर दी गई थी.
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