Special Kanda Express: त्योहारों के इस समय में प्याज की बढ़ती कीमतों को कंट्रोल करने के लिए और बाजार में प्याज की उपलब्धता बनाए रखने के लिए उपभोक्ता मंत्रालय ने प्याज के हाई डिमांड वाले शहरों के लिए कांदा एक्सप्रेस चलाने का फैसला लिया है.
कांदा एक्सप्रेस ट्रेन की तीन रेक चलेगी: उपभोक्ता मंत्रालय महाराष्ट्र से प्याज देश के दूसरे हिस्सों में भेजने के लिए कुल तीन रेक गुड्स ट्रेन चला रही है. प्याज को मराठी में कांदा कहते हैं इसलिए इन गुड्स ट्रेनों को भी कांदा एक्सप्रेस नाम दिया गया है.
दिल्ली, लखनऊ और गुवाहाटी के लिए चलेंगी कांदा एक्सप्रेस: उपभोक्ता मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि पहली कांदा एक्सप्रेस 20 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचेगी जिससे पूरे एनसीआर को प्याज की सप्लाई की जाएगी. दूसरी कांदा एक्सप्रेस ट्रेन गुवाहाटी के लिए चलेगी जिससे पूरे नॉर्थ ईस्ट को प्याज़ की सप्लाई संभव होगी. तीसरी कांदा एक्सप्रेस लखनऊ और बनारस पहुंचेगी जिससे यूपी और बिहार के कुछ हिस्सों को प्याज की सप्लाई की जाएगी. ये ट्रेनें सिर्फ़ एक-एक सर्विस वाली ही होंगी.
एक गुड्स ट्रेन रेक में होगा 1600 मीट्रिक टन प्याज: प्रत्येक कांदा एक्सप्रेस ट्रेन में 53 ट्रक प्याज होगी जो कि 1600 मीट्रिक टन के बराबर होगी. उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार, एक ट्रेन का किराया 34 लाख रुपए पड़ रहा है जबकि ट्रकों से भेजने पर ये किराया 75 लाख रुपए होगा.
दिवाली से पहले ही घटेंगे प्याज के दाम: खुदरा बाजार में अभी प्याज 55 रुपए से लेकर 80 रुपए के बीच बिक रहा है, जबकि उपभोक्ता मंत्रालय NCCF और NAFED के ज़रिए 35 रूपए में प्याज उपलब्ध करी रहा है. उम्मीद है कि दिवाली से पहले खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 35 रुपये से नीचे की क़ीमत पर बिकने लगेगी.
कालाबाजारी करने वालों को लगी चोट: उपभोक्ता मंत्रालय का कहना है कि प्याज की कीमतें बढ़ने के पीछे होर्डिंग करने वाले व्यापारी भी हैं जो जानबूझकर प्याज बाजार में नहीं लाते. लेकिन सरकारी प्याज बाजार में आ जाने से उनके प्याज़ की क़ीमतें भी गिर जाएंगी.