अफवाहों से हत्या: अब केंद्र सरकार की नींद टूटी, सोशल मीडिया पॉलिसी बनाने में जुटी
केंद्र सरकार अफवाहों को रोकने के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी बनाने में जुट गई है. आईटी मंत्रालय को इसका ड्राफ्ट तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है.
नई दिल्लीः सोशल मीडिया का इस्तेमाल देश मे नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है उससे केंद्र सरकार चिंतित है. व्हाट्सएप पर फेक वीडियो के सर्कुलेट होने से फैली अफवाहों के चलते पिछले चार महीने में 29 लोगों की हत्या के बाद केंद्र सरकार की नींद खुली है. केंद्र सरकार अफवाहों को रोकने के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी बनाने में जुट गई है. आईटी मंत्रालय को इसका ड्राफ्ट तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है.
दूसरी ओर गृहमंत्रालय सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ जल्द ही बैठक बुलाएगी. इसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधियों के साथ गृहमंत्रालय में बैठक होगी. इसमें विचार होगा कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक और नफ़रत फैलाने वाले पोस्ट को फैलने से कैसे रोका जाए.
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 'आईटी मंत्रालय के अलावा ट्विटर, व्हाट्सएप और फेसबुक के प्रतिनिधियों को भी इस बैठक में बुलाया जाएगा. जल्द ही सरकार बैठक का एजेंडा और तारीख तय कर उसमें शामिल होने वाले सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के टॉप मैनेजमेंट और आईटी एक्सपर्ट को भी बुलाएगी."
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहेगी कि वो अपने मीडियम का गलत इस्तेमाल होने से रोके. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक "सोशल मीडिया प्लेटफार्म को सरकार निर्देश देगी की आईटी एक्ट की धारा 69 का इस्तेमाल कर नफरत फैलाने वाले मैसेज, फ़ोटो और वीडियो को फैलने या वायरल होने से पहले ही ब्लॉक करें."
सुत्रों के मुताबिक़ "गृहमंत्रालय ने इस बैठक के एजेंडे में कीपैड जेहादी का मुद्दा भी होगा. लेकिन सोशल मीडिया पर अफवाह फैलने से रोकना सरकार की प्राथमिकता होगी. आईटी मंत्रालय से भी कहा गया है कि वो इस बैठक में सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइन भी तैयार करे."
दरअसल बच्चा चोरी की अफवाहें फैलने के बाद देश के अलग अलग हिस्सों में पिछले 4 महीने में 29 लोगों के हत्या के बाद सरकार निशाने पर है. सूत्रों के मुताबिक़ गृहमंत्रालय ने पहले राज्यों को एडवाइजरी भेजने का फैसला किया था. लेकिन बाद में कदम पीछे खींच लिए. इसकी बड़ी वज़ह ये है कि हत्या के मामले ज्यादातर बीजेपी शासित राज्यों में हुए है. हालांकि अफसरों ने सिर्फ फोन के जरिये राज्यों को निर्देश दिए कि अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किया जाए|
लेकिन जब गृहमंत्रालय के प्रवक्ता से 29 लोगों की मौतों पर राज्यबार ब्यौरा मांगा तो बताया गया कि अभी राज्यों से रिपोर्टस नहीं आई है. प्रवक्ता के मुताबिक कानून व्यवस्था राज्यों का अधिकार क्षेत्र है और इसलिए फिलहाल गृह मंत्रालय सीधे दखल नहीं देगी. लेकिन मंत्रालय के दूसरे अफसर के मुताबिक़ राज्यों की पुलिस के साइबर सेल को अफवाह फैलाने वालों पर नज़र रखने और व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए फेक वीडियो और फेक न्यूज़ डालने वालों से सख्ती से निपटने को कहा गया है.