Kerala Court: 'वासना के इरादे के बिना हाथ पकड़ना और धमकाना, महिला की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाता', केरल कोर्ट
Kerala Court News: केरल की कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत दर्ज केस रद्द कर दिया. हालांकि, महिला को धमकी देने के मामले में जुर्माने के साथ उसे जेल की दो साल की सजा सुनाई गई है.
Kerala Court: केरल की कोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि बिना वासना के हाथ पकड़ना या धमकाने जैसी चीजें महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के दायरे में नहीं आती हैं. कोर्ट ने कहा कि इससे यह साबित होना चाहिए कि उसने महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से ऐसा किया है.
केरल के एर्नाकुलम में अल्वा में फर्स्ट-क्लास मजिस्ट्रेट II कोर्ट ने 13 जुलाई को एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है. एक मंदिर में महिला का हाथ पकड़ने और उसे जान से मारने की धमकी देने के मामले में सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की गई. मजिस्ट्रेट टी के संतोष ने कहा कि अगर कोई शख्स बिना वासना के किसी महिला का हाथ पकड़ता है और उसे जान से मारने की धमकी देता है, तो यह नहीं कहा जा सकता है कि इससे महिला की गरिमा को ठेस पहुंची है. कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत आरोपी के खिलाफ दर्ज केस रद्द कर दिया है. हालांकि, महिला को धमकी देने के मामले में जुर्माने के साथ उसे जेल की दो साल की सजा सुनाई गई है.
क्या है मामला?
कोर्ट जिस मामले पर सुनवाई कर रहा था उसमें एक महिला ने आरोप लगाया कि मंदिर में एक शख्स ने उसका हाथ पकड़कर उसको जान से मारने की धमकी दी. महिला का आरोप है कि आरोपी ने उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाने के मकसद से ऐसा किया है. इस घटना में आरोपी के खिलाफ इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 354 और 506 के तहत केस दर्ज किया गया था. धारा 354 के तहत दर्ज केस को कोर्ट ने रद्द कर दिया है. इस धारा के तहत तब मामला दर्ज किया जाता है, जब कोई शख्स ऐसा कृत्य करता है, जिससे महिला की गरिमा को ठेस पहुंचती है.
कोर्ट ने माना कि पीड़ित पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि आरोपी ने महिला का हाथ पकड़कर उसको जान से मारने की धमकी दी है. हालांकि, वह यह साबित नहीं कर सका कि महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से ऐसा किया गया. कोर्ट ने आरोपी को इस मामले में 2 साल की जेल की सजा सुनाई है और 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.