नई दिल्ली: कोरोना की चुनौती के बीच मोदी सरकार के लिए अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर थोड़ी सुकून देने वाली ख़बर आई है. 31 मार्च को खत्म हुए बीते साल (2019-20) में एक बार फिर रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान लगाया गया है. कृषि मंत्रालय की ओर से 2019-20 का तीसरा अनुमानित आंकड़ा जारी किया गया है. इसके मुताबिक़ बीते साल देश में खाद्यान्न का कुल उत्पादन 29.57 करोड़ टन रहने की संभावना है, जो आज तक का रिकॉर्ड उत्पादन होगा.
2018-19 में अनाज का कुल उत्पादन 28.52 करोड़ टन हुआ था. इस लिहाज़ से 2019-20 में 1.04 करोड़ टन ज़्यादा उत्पादन होने का अनुमान है. 2019-20 में अनाज के उत्पादन का लक्ष्य 29.10 करोड़ टन रखा गया था. इन आंकड़ों के बढ़ने की ही संभावना है, क्योंकि इसमें गेहूं और अन्य रबी फ़सलों के उत्पादन का अंतिम आंकड़ा आना बाक़ी है.
अनाज के कुल उत्पादन में सबसे बड़ा हिस्सा धान (चावल) और गेहूं का होता है. तीसरे अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक़ 2019-20 में चावल का कुल उत्पादन 11.8 करोड़ टन होने की संभावना है, जो उसके पहले वाले साल (2018-19) से क़रीब 20 लाख टन ज़्यादा है. 2018-19 में चावल का कुल उत्पादन 11.63 करोड़ टन हुआ था. हालांकि पिछले पांच सालों के औसत उत्पादन की तुलना में ये 81 लाख टन ज़्यादा है.
वहीं, गेहूं का उत्पादन 10.72 करोड़ टन रहने का अनुमान है. 2018-19 में गेहूं का कुल उत्पादन 10.36 करोड़ टन हुआ था और उस लिहाज़ से ये क़रीब 36 लाख टन ज़्यादा है.
तिलहन का रिकॉर्ड उत्पादन सम्भावित
दाल का उत्पादन भी 2018-19 की तुलना में ज़्यादा रहने की उम्मीद जताई गई है. 2019-20 में दाल का कुल उत्पादन 2.30 करोड़ टन होने का अनुमान है, जबकि 2018-19 में उत्पादन 2.21 करोड़ टन हुआ था. हालांकि ये अनुमान लक्ष्य से 33 लाख टन है. 2019-20 में दाल का उत्पादन 2.63 करोड़ टन रखने का लक्ष्य रखा गया था. वहीं, तिलहन का संभावित रिकॉर्ड उत्पादन सरकार के लिए थोड़ी सुकून वाली ख़बर है. 2019-20 के तीसरे अग्रिम अनुमान में तिलहन का उत्पादन 3.35 करोड़ टन रहने की संभावना जताई गई है.