खुले में शौच करना पड़ा महंगा, ग्राम पंचायत ने लगाया 75 हजार रुपये का जुर्माना
रंभाखेड़ी पंचायत के रोजगार सहायक ने कहा कि पंचायत की ओर नोटिस जारी करने से पहले इन्हें कई बार चेतावनी दी गई लेकिन इन्होंने अपने घरों में शौचालयों का निर्माण नहीं कराया.
बैतूल: मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य वाले बैतूल जिले के आमला विकास खंड के गांव रंभाखेड़ी की ग्राम पंचायत ने एक परिवार पर खुले में शौच जाने पर 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा पंचायत ने खुले में शौच जाने वाले 43 लोगों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी है.
रंभाखेड़ी पंचायत के रोजगार सहायक कुंवरलाल ने बताया, ‘‘गांव के साहू परिवार के 10 सदस्य रोज खुले में शौच करते थे. पंचायत की तरफ से कई बार समझाने के बावजूद उन्होंने खुले में शौच जाना बंद नहीं किया. जिसके बाद पंचायत सरपंच रामरतीबाई के निर्देश पर इस परिवार को प्रति व्यक्ति 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से एक माह का 75 हजार रुपये जुर्माना तीन दिन में अदा करने का नोटिस दिया गया है. इसके अलावा गांव के 43 दूसरे लोगों को चेतावनी दी गयी है.’’
कुंवरलाल ने कहा कि जिन्हें नोटिस दिए गए हैं उन्हें पूर्व खुले में शौच नहीं जाने के लिए चेतावनी दी गई थी. इसके साथ ही एक महीने का समय भी दिया गया था लेकिन ऐसा नहीं किए जाने पर अधिनियम के नियम 1999 (2) घ के तहत परिवार के 10 सदस्यों पर मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (स्वच्छता, सफाई तथा न्यूसेंस निवारण तथा उपशमन) नियम 1999 के 15 (1) व 15 (2) के तहत न्यूसेंस के उत्तरदायी होने से जुर्माना लगाया है.
रंभाखेड़ी पंचायत के रोजगार सहायक ने कहा कि पंचायत की ओर नोटिस जारी करने से पहले इन्हें कई बार चेतावनी दी गई लेकिन इन्होंने अपने घरों में शौचालयों का निर्माण नहीं कराया. पंचायत की तरफ से नोटिस जारी करने के बाद समूचे गांव और आसपास के गांवों में हड़कंप मच गया है. नोटिस मिलते ही ग्रामीण अब शौचालय बनवाने में दिलचस्पी लेने लगे हैं तो कुछ ने शौचालय का बनवाना भी शुरू कर दिया है जो कि अपने आप में बड़ी उपलब्धि है.