J&K हाईकोर्ट में दिवंगत अलगाववादी नेता गिलानी के नवासे ने कहा- मेरा नाना की राजनीति से कोई वास्ता नहीं, जानें पूरा मामला
J&K News: अनीस जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग में अनुसंधान अधिकारी के पद पर थे, लेकिन उनकी सेवाओं को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के कारण समाप्त कर दिया था. अब उन्होंने याचिका दायर की है.
Jammu Kashmir News: दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) के नवासे अनीस-उल-इस्लाम ने जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकारी नौकरी बचाने के लिए अपने नाना को त्याग दिया है ! जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में अपनी सरकारी नौकरी से बर्खास्तगी को चुनौती याचिका में अनीस ने कहा है कि उनके खिलाफ कोई भी देश विरोधी गतिविधि में शामिल होने का मामला दर्ज नहीं है और उनका नाना की राजनीति से कोई वास्ता भी नहीं है.
अनीस 17वें सरकारी कर्मचारी थे, जिनकी सेवाओं को उपराज्यपाल प्रशासन ने उनके राष्ट्र विरोधी और अनुच्छेद 311ए (सी) के तहत गतिविधियों के लिए समाप्त कर दिया था. जम्मू-कश्मीर में अब तक करीब 25 सरकारी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं. पिछले साल 17 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर सरकार ने राज्य की सुरक्षा के हित में अनीस-उल-इस्लाम की सेवाओं को समाप्त कर दिया था.
उन्हें संविधान के अनुच्छेद 311(2) (सी) के तहत बर्खास्त कर दिया गया था, जो प्रशासन को किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ जांच गठित किए बिना उसकी सेवाओं को समाप्त करने की शक्ति देता है. पिछले साल जारी सरकारी आदेश में कहा गया था कि, "जबकि उपराज्यपाल भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 के खंड (2) के परंतुक के उप खंड (सी) के तहत संतुष्ट हैं कि राज्य की सुरक्षा के हित में, इस मामले में जांच करना समीचीन नहीं है. मामला…तदनुसार, उपराज्यपाल श्री अनीस-उल-इस्लाम … को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त करते हैं, ”
कर्मचारियों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया पिछले साल शुरू हुई थी, जब केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोपों को देखने के लिए एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया था. इसी बीच अनीस संविधान के तहत राहत की मांग करते हुए भारत सरकार से अपनी नौकरी बहाल करने के लिए कानूनी सहारा ले रहा है और यह याचिका दायर की है.
अनीस ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी नौकरी समाप्ति के खिलाफ एक याचिका दायर कर अपनी सरकारी नौकरी की बहाली के लिए प्रार्थना की है. अनीस ने अपने नाना सैयद अली शाह गिलानी से पूरी तरह दूरी बना ली है, जिनका पिछले साल निधन हो गया था. अनीस के वकील द्वारा प्रस्तुत याचिका में कहा गया है, "आदेश केवल उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए पारित किया गया है, अन्यथा याचिकाकर्ता के खिलाफ कदाचार का कोई आरोप नहीं है." तथ्य की बात यह है कि (याचिकाकर्ता) अपने नाना की गतिविधियों से अलग रहा"
अनीस के पिता अल्ताफ अहमद शाह 2017 से कथित 'टेरर फंडिंग' के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं. अनीस-उल-इस्लाम को जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग की सहायक शाखा, शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स (SKICC) में अनुसंधान अधिकारी नियुक्त किया गया था.
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