हैदराबाद: पिछली हैदराबाद रियासत के आखिरी निजाम के एक पोते ने अपने कुछ रिश्तेदारों के विरूद्ध यहां पुलिस में शिकायत दर्ज करायी और आरोप लगाया कि उन्होंने ब्रिटेन के बैंक में रखे पूर्व शासक के 3.5 करोड पाउंड पर दावा करने के लिए झूठे एवं मनगढंत दस्तावेज जमा कराये.


सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान बहादुर के पोते नवाब नजफ अली खान ने मंगलवार को पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार से संपर्क किया और इस संबंध में उन्हें एक शिकायत सौंपी.


अक्टूबर, 2019 में ब्रिटेन की एक अदालत ने दिवंगत निजाम के इस धन पर पाकिस्तान के दावे को खारिज करते हुए भारत और शहजादों के पक्ष में फैसला सुनाया था और इस तरह 70 साल से चल रहे कानूनी संघर्ष पर पूर्ण विराम लग गया था. यह राशि लंदन के एक बैंक में जमा करायी गयी थी.


निजाम के वंशजों- शहजादे मुकर्रम जाह और उनके छोटे भाई मुफ्फकाम जाह ने लंदन के नेटवेस्ट बैंक में पड़े 3.5 करोड़ पाउंड को लेकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए भारत सरकार के साथ हाथ मिलाया था.


शिकायत में नवाब नजफ अली खान ने मुकर्रम जाह और उनकी पूर्व पत्नी और उनके जनरल पावर ऑफ अटॉनी की धारक एसरा बिरगेन जाह, उनके बेटे अजमत जाह और भाई मुफ्फकाम जाह के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है.


नजफ अली खान ने विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि निजाम धन मामले में ब्रिटेन की अदालत में उत्तराधिकार के अवैध कागजात पेश किये गये. उन्होंने आरोप लगाया कि मुकर्रम जाह और परिवार के तीन अन्य सदस्यों ने गलत फायदा लेने के लिए गलत तरीके से प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया था और हैदराबाद के दिवंगत निजाम के बाकी कानूनी वारिसों को नुकसान पहुंचाया.