HD Deve Gowda: रविवार (28 मई) को नई दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा भी शामिल हुए थे. उस दौरान 91 वर्षीय गौड़ा ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्होंने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक महान क्षण देखा. पूर्व पीएम ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह अपने जीवनकाल में नए संसद भवन में बैठेंगे.
गौड़ा ने कहा , "यह मेरा सौभाग्य है कि मैंने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक महान क्षण देखा. मैंने 1962 में कर्नाटक विधानसभा में प्रवेश किया और 1991 से संसद सदस्य हूं. 32 साल पहले जब मैं इस महान सदन में आया था तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं पीएम बनूंगा और मुझे सार्वजनिक जीवन में इतने लंबे समय तक रहने की उम्मीद नहीं थी."
'संसद पर खूनी क्रांति का दाग नहीं'
पूर्व पीएम ने कहा, "इससे भी बड़ा आश्चर्य यह है कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने जीवनकाल में नए संसद भवन में बैठूंगा. मैंने ऐसा 91 साल की उम्र में किया. उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा और एक सामान्य भारतीय के जीवन में नए घर का निर्माण और नए घर में प्रवेश करना बहुत ही शुभ क्षण है. एक राष्ट्र के जीवन में यह एक विशेष क्षण है."
देवेगौड़ा ने कहा कि जब पुराने संसद भवन का उद्घाटन किया गया था, तब भी भारत औपनिवेशिक शासन के अधीन था और स्वतंत्रता क्षितिज पर नहीं थी. कई प्रमुख राष्ट्रीय हस्तियों को याद करते हुए जेडीएस के संरक्षक ने कहा, "हमारे देश और संसद पर खूनी क्रांति का दाग नहीं है. हम शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीकों से एक राष्ट्र बने. यह एक अमूल्य उपलब्धि थी. यही हमारी विरासत है और यही मूल्य प्रणाली है, जिसे हमें संरक्षित करना है. इसे अपनी आने वाली पीढ़ियों को देना है."
'हमारी संसद ने सबकुछ देखा'
गौड़ा ने कहा, "आजादी के बाद से हमारी संसद ने उतार-चढ़ाव, अहंकार-विनम्रता, जीत-हार देखी है लेकिन, कुल मिलाकर इसने संतुलन बनाए रखने और भारत के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की कोशिश की है." उन्होंने कहा कि संसद ने सभी जातियों, सभी धर्मों, सभी भाषाओं और सभी भौगोलिक क्षेत्रों का पोषण किया है. इसने सभी प्रकार की राय, विचारों और विचारधाराओं को समायोजित किया है. इसने विविधता का जश्न मनाया है और हमारे लोकतंत्र के इस नए घर में भारत की इस विशाल विविधता को संरक्षित करने से बड़ा कोई लक्ष्य नहीं है.
'नए संसद भवन के उद्घाटन पर सभी को नमन'
देवेगौड़ा ने कहा कि भारत के लोग हमेशा सतर्क और बहुत समझदार रहे हैं. जब भी उन्होंने किसी को ज्यादती करते और हमारे देश के संतुलन को बिगाड़ते देखा है, तो चुपचाप उन्हें इस ग्रेट हाउस से बाहर निकाल दिया. उन्होंने हम सभी लोक सेवकों को कई बार सबसे कठिन सबक सिखाया है. उन्होंने आगे कहा, "नए संसद भवन के उद्घाटन के इस अवसर पर मैं भारत के सभी लोगों को नमन करता हूं. मैं ईमानदारी से प्रार्थना करता हूं कि हमारी समृद्ध लोकतांत्रिक परंपरा समय बीतने के साथ जारी रहे और फलती-फूलती रहे. साथ ही आने वाले समय में भारत को हमेशा चमकने में मदद करे."
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