'शहीद की याद में बनाया गया मेमोरियल प्रेरित करता है', स्मारक बनाने में हुई देरी तो कमांडिंग ऑफिसर ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को लिखा पत्र
Martyr Major Rohit: शहीद हुए मेजर रोहित का स्मारक बनवाने में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण नाकाम रहा है. सेना के ऑफिसर ने प्राधिकरण को लिखा पत्र. वहीं परिजनों ने चाहने वालों के साथ कैंडल मार्च निकाला.
!['शहीद की याद में बनाया गया मेमोरियल प्रेरित करता है', स्मारक बनाने में हुई देरी तो कमांडिंग ऑफिसर ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को लिखा पत्र Greater Noida Authority failed to build the memorial of martyr Major Rohit, family and loved ones took out candle march ANN 'शहीद की याद में बनाया गया मेमोरियल प्रेरित करता है', स्मारक बनाने में हुई देरी तो कमांडिंग ऑफिसर ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को लिखा पत्र](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/16/8b10285cf098e33cabf8e71e14fc53d41660650023529530_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नीरज राजपूत/दिव्यांकर तिवारी: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहीद मेजर रोहित का 11 महीनों में स्मारक बनवाने में नाकाम रहा है. जबकि वीरगति को प्राप्त हुए सैनिक की याद में बनाया गया स्मारक आने वाली पीढ़ियों को मातृभूमि की सेवा और सुरक्षा के लिए प्रेरित करता है. यह बातें सेना के एक कमांडिंग ऑफिसर द्वारा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भेजे गए पत्र में लिखी गई हैं. उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा शहर के विकास की जिम्मेदारी संभालने वाले प्राधिकरण के पास देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के स्मारक बनाने को लेकर कोई नीति निर्धारित नहीं है. यही वजह है कि बहादुर मेजर के परिजन और चाहने वाले लोग अब सड़कों पर उतरकर कैंडल-मार्च करने के लिए मजबूर हैं.
पूरा देश मना रहा था आजादी का जश्न, नोएडा में निकाला गया कैंडल मार्च
सोमवार को जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव यानी कि स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा था. तब राजधानी दिल्ली के करीब ग्रेटर नोएडा (वेस्ट) में ऐस सिटी सोसायटी के लोग हाथों में कैंडल लेकर ग्रेटर नोएडा अथोरिटी की बेरूखी के खिलाफ सड़क पर मार्च निकाल रहे थे. क्योंकि ऐस सिटी सोसायटी के रहने वाले लाडले सैनिक को वीरगति प्राप्त हुए 11 महीने बीत चुके हैं, हो चुके हैं लेकिन सरकार उनकी शहादत को सम्मान देने में नाकाम रही है.
यहां हुए थे शहीद
21 सितंबर 2021 को जम्मू-कश्मीर के पटनीटॉप में भारतीय सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. सेना की रेकी एंड ऑबर्जेबेशन फ्लाइट विंग का ये हेलीकॉप्टर उस वक्त एक ऑपरेशनल मिशन पर था. इसलिए हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए दोनों पायलट को किल्ड इन एक्शन (यानी शहीद) माना गया था. वीरगति को प्राप्त हुए पायलट में से एक मेजर रोहित कुमार ऐस सिटी सोसायटी के रहने वाले थे. उनका पूरा परिवार यहीं रहता है. जब उनका पार्थिव शरीर यहां पहुंचा था तो उस वक्त मेजर रोहित के नाम से ऐस सिटी सोसायटी के गोल-चक्कर को उनका नाम देने की मांग की गई थी. इस बावत स्थानीय एमपी-एमएलए और मंत्रियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को पत्र भी लिखा था.
कर्नल अनीष वासुदेवन ने लिखा है पत्र
कई महीनों तक जब मेजर रोहित कुमार के नाम का स्मारक नहीं बन पाया तो उनकी यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अनीष वासुदेवन ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ सुरेंद्र सिंह को एक पत्र लिखा. उसमें लिखा कि किस तरह भारतीय सेना की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उनके अधीनस्थ अधिकारी ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था. क्योंकि मेजर रोहित उस वक्त एक ऑपरेशनल मिशन पर थे.
पत्र के माध्यम से कर्नल वासुदेवन ने की यह मांग
कर्नल वासुदेवन ने सीईओ से मेजर रोहित के लिए स्मारक बनाने की अपील करते हुए लिखा कि एक शहीद का बलिदान आने वाली पीढ़ी और खासतौर से युवाओं को मातृभूमि की सेवा करने और मेजर रोहित के पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रेरणा देगा. साथ ही उन्होनें लिखा कि अगर ऐस-सिटी सोसायटी के गोलचक्कर को मेजर रोहित के नाम पर किया जाता है तो वे हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो जाएंगे. सेना के कर्नल के इस भावुक पत्र से भी प्राधिकरण के सिर पर जूं तक नहीं रेंगी.
यह बोले सोसाइटी के लोग
ऐस सिटी सोसायटी में रहने वाले नवनीत चौहान ने कहा कि मेजर रोहित का परिवार और अपार्टमेंट में रहने वाले सभी लोग प्राधिकरण की बेरूखी से बेहद नाराज हैं. यही वजह है कि सोमवार को मेजर रोहित के परिवार और स्थानीय निवासियों ने एक कैंडल मार्च निकाला. मेजर रोहित के बुजुर्ग पिता कमल कुमार ने कहा कि उनके बेटे ने देश की रक्षा करते हुए प्राणों की आहूति दी. ऐसे में उनका बेटा एक बैटल-कैज्युलटी है. लेकिन पिछले 11 महीने से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और जन-प्रतिनिधियों के चक्कर काटने के बावजूद भी बेटे के नाम का स्मारक नहीं बन पाया है.
सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया तो शुरू किया जाएगा धरना
मेजर रोहित के नाम के स्मारक बनाने की मुहिम में जुटे नवनीत चौहान के मुताबिक अगर प्राधिकरण या उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो मेजर रोहित की पहली पुण्यतिथि (21 सितंबर 2022) से उसी गोलचक्कर पर स्थानीय निवासी धरना शुरु कर देंगे. उनका कहना है कि उन्होनें इसके लिए एक ऑनलाइन याचिका भी शुरु की है. जिसमें अब तक 5000 लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं.
एबीपी न्यूज से साझा की गई है चिट्ठी
इस मामले पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से अभी तक संपर्क नहीं हो पाया है. लेकिन नवनीत चौहान ने एबीपी न्यूज को प्राधिकरण की एक चिठ्टी साझा की है. जो एडिशनल सीईओ ने सांसद सुरेंद्र नागर को लिखी है और बताया है कि गोलचक्कर के नामकरण को लेकर ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पास कोई नीति विद्यामान नहीं है. इस संबंध में उत्तर-प्रदेश शासन (सरकार) को पत्र लिखकर 'मार्गदर्शन' मांगा गया है.
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