Farmers Protest: यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकस मित्सोताकिस ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच गुरुवार (22 फरवरी, 2024) को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों में इस समय किसानों का प्रदर्शन समान मुद्दा बना हुआ है. भारत की यात्रा पर आए मित्सोताकिस ने मुंबई में ‘भारत-यूनान बिजनेस फोरम’ को संबोधित करते हुए उन कई क्षेत्रों का उल्लेख किया जहां दोनों देशों के बीच काफी समानताएं हैं. 


यूनानी प्रधानमंत्री किरियाकस मित्सोताकिस (Kyriakos Mitsotakis) ने कहा, ‘‘हमारे बीच एक और बात समान है. यूनान और भारत दोनों जगह हमारे किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.’’ मित्सोताकिस पिछले 16 साल में भारत की यात्रा पर आने वाले पहले यूनानी प्रधानमंत्री हैं.


यूनान में किसान क्यों विरोध कर रहे हैं?
पंजाब एवं हरियाणा के सीमावर्ती क्षेत्र में किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उधर, यूनान में भी किसान फसलों की बढ़ती हुई लागत के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान सरकार से लागत पर वित्तीय समर्थन देने की मांग कर रहे हैं. 


यूनान के पीएम ने भारत को लेकर क्या कहा? 
अपने संबोधन में यूनानी प्रधानमंत्री किरियाकस मित्सोताकिस  ने कहा कि रक्षा, ड्रोन, कृषि, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी और पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत और यूनान के बीच व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं. 


मित्सोताकिस ने कहा कि भारत प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक शक्ति-केंद्र है और पिछले दशक में उभर रहे यूनान में भी एक बेहद गतिशील प्रौद्योगिकी क्षेत्र उभरा है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दोनों के बीच दिलचस्प तालमेल को बनते हुए देख सकता हूं.’’ बता दें कि पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसान डटे हुए हैं. 


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