Grenade Recovered In Narela: राजधानी दिल्ली के नरेला इलाके से मिले 10 देसी ग्रेनेड के मामले में पुलिस ने दिलीप उर्फ बिल्ली नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि दिलीप उर्फ बिल्ली ने इन देसी ग्रेनेड को नरेला में नाले के किनारे खेतों की गीली मिट्टी में छिपाया था. पुलिस का दावा है कि ये देसी ग्रेनेड मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से लाए गए थे.


देसी ग्रनेड को लाने वाले व्यक्ति का नाम काशीराम है, जो मूल रूप से मध्य प्रदेश का ही रहने वाला है. लेकिन पिछले कई सालों से नरेला के मेट्रो विहार इलाके में रह रहा था. दिलीप और काशीराम दोनों पुराने दोस्त हैं. फिलहाल पुलिस काशीराम की तलाश कर रही है, ताकि ये पता चल सके कि आखिर ये ग्रेनेड कहां से और किसके माध्यम से लाए गए थे और आगे इनका इस्तेमाल कहां, कब और कैसे किया जाना था?


कैसे हुई बरामदगी


आउटर नॉर्थ जिले के डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि जिले के स्पेशल स्टाफ को सूचना मिली कि नरेला इलाके में खेतों के अंदर देसी ग्रेनेड छिपाए गए हैं. सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की और दिलीप उर्फ बिल्ली नाम के युवक को गिरफ्तार किया. बिल्ली की निशानदेही पर खेतों की गीली मिट्टी के अंदर से 10 देसी ग्रेनेड बरामद किए गए. दिलीप उर्फ बिल्ली ने पुलिस को बताया कि उसे ये ग्रेनेड उसे उसके दोस्त काशीराम ने दिए थे और कहा था कि इन्हें छिपा कर रखना है. काशीराम ने दिलीप को ये भी कहा कि ग्रेनेड खेत की गीली मिट्टी में दबा कर छुपाना, जिससे उनमें विस्फोट न हो.


50 दिन से छिपाए हुए थे ग्रेनेड


पुलिस का दावा है कि नरेला इलाके से बरामद 10 देसी ग्रेनेड लगभग 50 दिन पहले दिल्ली लाए गए थे और तभी से नाले के किनारे खेतों की गीली मिट्टी में छुपाया गया है. दिलीप समय-समय पर इन देसी बमों को एक जगह से निकाल कर दूसरी जगह पर दबा देता था.


20 फीट तक मारक क्षमता है एक ग्रेनेड की


पुलिस के मुताबिक, बरामद ग्रेनेड देसी हैं और अगर इनकी क्षमता की बात की जाए तो एक ग्रेनेड से लगभग 20 फीट के क्षेत्र में नुकसान पहुंच सकता है. इस हिसाब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह देसी बम काफी प्रभावशाली हैं. 


आईबी एनएसजी भी कर चुके हैं दिलीप से पूछताछ


पुलिस ने बताया कि देसी ग्रेनेड मिलने की सूचना आईबी, एनएसजी आदि एजेंसीज को भी दे दी गई थी, जिसके बाद अलग-अलग एजेंसियों ने भी दिलीप से पूछताछ की है. फिलहाल दिलीप ये दावा कर रहा है कि उसे नहीं पता कि ये ग्रेनेड कहां से लाए गए हैं और आगे इनका इस्तेमाल कहां किया जाना था. ये सारी जानकारी काशीराम को ही पता है. उसे सिर्फ इन्हें छुपाने का काम दिया गया था और इसके बदले में उसे कुछ पैसा भी दिया जाना था.


पहले से चोरी का मामला दर्ज है


पुलिस ने बताया कि काशीराम के खिलाफ पहले से लूट का मामला दर्ज है, जबकि दिलीप के खिलाफ चोरी का केस दर्ज है. दिलीप छोटा-मोटा काम करता है.


ये भी पढ़ें: Defamation Case: मानहानि मामले में राहुल गांधी की अपील पर बीजेपी विधायक ने दाखिल किया 30 पन्नों का जवाब, 13 अप्रैल को होगी सुनवाई