पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने अपने एक ट्वीट को डिलीट कर दिया है. इस ट्वीट में थनबर्ग ने गूगल डोक्यूमेंट शेयर किया था जिसमें वैश्विक स्तर पर कृषि कानूनों के विरोध करने के बारे में बताया गया था. इस ट्वीट को लेकर देश में कई लोगों ने आपत्ति भी जाहिर की थी.
ग्रेटा के ट्वीट में ' ग्लोबल फार्मर्स स्ट्राइक- फर्स्ट वेव’ टाइटल से शेयर डोक्यूमेंट में 26 जनवरी को विश्वभर में लोगों को आंदोलन का समर्थन करने की बात कही गई है. इसमें कहा गया है कि जो जहां भी है वहां स्थानीय स्तर पर प्रदर्शन करके अपना समर्थन जाहिर करें या फिर अपने देश, राज्य या शहर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का पता लगाकर उसमें शामिल हों. इसमें लोगों को भारतीय दूतावासों, स्थानीय सरकारी कार्यालयों या अडानी और अंबानी की कंपनियों के कार्यालयों के बाहर एकजुटता के साथ विरोध प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. थनबर्ग ने अब इस ट्वीट को डिलीट कर दिया.
बीजेपी नेता मिश्रा ने उठाए सवाल
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ग्रेटा की इस डोक्यूमेंट को शेयर करते हुए कहा कि दंगे भड़काने की साजिश वैश्विक स्तर पर हो रही है और वे 26 जनवरी से पहले दंगों के लिए तैयार थे.
विदेश मंत्रालय ने बताया था प्रोपगेंडा का हिस्सा
ग्रेटा थनबर्ग ने हाल ही में किसान आंदोलन पर एक खबर को शेयर करते हुए भी ट्वीट किया था. ग्रेटा ने ट्विटर पर लिखा था कि ‘’हम भारत में जारी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं.’’ ग्रेटा थनबर्ग को साल 2019 में अमेरिकी मैग्जीन टाइम ने 'पर्सन ऑफ द ईयर' घोषित किया था. भारत ने किसानों के विरोध प्रदर्शन पर कई विदेशी हस्तियों के स्टेटमेंट्स को लेकर विदेश मंत्रालय ने आपति जताई थी और इस प्रोपगेंड़ा का हिस्सा करार दिया था.
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