नई दिल्ली: ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस ने 21 साल की पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है. दिशा की गिरफ्तारी को लेकर कई राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियों ने विरोध जताया है. इस बीच अब दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को दिशा रवि की गिरफ्तारी के मामले में एक नोटिस जारी किया है. दिल्ली महिला आयोग की ओर से ये नोटिस दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल के डीसीपी को भेज गया है.
दिल्ली महिला आयोग की ओर से भेजे गए इस नोटिस में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा गया है कि दिशा की गिरफ्तारी में कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया है. दिल्ली महिला आयोग की ओर से कहा गया है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिशा को पिछले तीन महीने से चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली महिला आयोग ने नोटिस में दिल्ली पुलिस से दिशा के खिलाफ दर्ज की गई FIR की कॉपी मांगी है. डीसीडब्लू ने पूछा है कि दिशा को ट्रांजिट रिमांड के लिए लोकल कोर्ट में क्यों नहीं पेश किया गया? आयोग ने पूछा है कि क्या दिशा की गिरफ्तारी के दौरान तय प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था? साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उसे कोर्ट में प्रस्तुत होने से पहले पसंद का वकील भी नहीं मुहैया करवाया गया था, इसकी क्या वजह है?
नोटिस में लिखा है कि दिशा को जानने वाले कई एक्टिविस्ट्स ने यह भी दावा किया है कि गिरफ्तारी के दौरान उसके माता पिता को भी ये जानकारी नहीं दी गई थी कि उसे कहां लेकर जाया जा रहा है. संविधान के अनुच्छेद 22(1) का हवाला देते हुए लिखा है कि हर व्यक्ति को गिरफ्तारी के बाद पसंद के वकील द्वारा कानूनी प्रतिनिधित्व का अधिकार है. आयोग ने पुलिस से मामले में अब तक की कार्रवाई की जानकारी मांगी है. इस मामले में दिल्ली पुलिस को 19 फरवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बयान जारी कर कहा, "दिशा को कृषि आंदोलन से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिशा को कोर्ट में प्रस्तुत करने से पहले पसंद का वकील नहीं दिया गया, साथ ही कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार गिरफ्तारी के दौरान भी कानूनी प्रक्रियाओं का सही तरीके से पालन नहीं किया गया है. हमने पुलिस को नोटिस जारी किया है और मामले की जानकारी मांगी है. पुलिस मामले की जांच करे, लेकिन यदि ये गिरफ्तारी कृषि आंदोलन को समर्थन करने के कारण हुई है तो ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है."
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