बिहार: 'हमारी बिक्री आधी हो गई...', BJP कार्यालय के बाहर रेहड़ी वाले ने बताया माहौल
Bihar : सरकार के बदलने के बाद तीन प्रमुख दलों बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी के कार्यालयों का माहौल बदल गया है. एबीपी न्यूज ने तीनों जगह जाकर जायजा लिया है.
दोपहर के लगभग एक बज चुके हैं. बिहार की राजधानी पटना स्थित बीजेपी कार्यालय में वीरानी सी छाई है. हालांकि कुछ दिन पहले तक यहां दिन में काफी गहमा-गहमी रहती थी. लेकिन सरकार से हटने के बाद कार्यालय के अंदर के परिसर में सन्नाटा रहता है.
बीजेपी कार्यालय के बाहर भी लगभग वैसा ही हाल है. बीजेपी कार्यालय के बाहर लगभग 10 सालों से पान मसाला और नाश्ता की दुकान चला रहे सुबोध ने बताया, '15 दिन पहले यहां की बिक्री बहुत अच्छी थी. यहां पूरे बिहार के नेता और कार्यकर्ताओं का आना जाना रहता था और चाय-नाश्ता की बिक्री अच्छी होती थी. लेकिन सरकार जाने के बाद कार्यालय में बहुत कम लोग आते हैं और बिक्री लगभग 50% कम हो गई है. जितना मटेरियल हम लोग प्रतिदिन बेचने के लिए लाते थे अब उसका आधा लाते है'.
वहीं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का कार्यालय जो अभी तक सन्नाटे में था यहां दोपहर 2 बजे उमस भरी गर्मी में भी अब ऐसा लगता है कि नई ताजगी आ गई है. कार्यालय में कार्यकर्ताओं को आना-जाना बढ़ गया है. कुछ मिनटों के अंतराल में गाड़ियां आती हैं और कुछ बाहर निकलती हैं. हमेशा एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियां कार्यालय के बाहर लगी रहती हैं. प्रदेश के कार्यकर्ता उत्साह में यहां आते हैं.
दानापुर से आए आरजेडी के एक कार्यकर्ता ने बताया कि हमारी सरकार आ गई है तो कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है. कार्यालय के बाहर लगभग 8 सालों से लिट्टी चोखा की रेहड़ी लगाने वाले ननकू राम ने बताया की आरजेडी के सरकार में आने से बिक्री में बढ़ोतरी हुई है. पहले 4 किलो सत्तू लाते थे और शाम तक बिक्री करते थे लेकिन अब लगभग 40% की बढ़ोतरी हुई है और 6 से 7 किलो तक सत्तू हमें लिट्टी बनाने के लिए लाने पड़ते हैं और सभी शाम तक बिक जाते हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो आरजेडी कार्यालय के बाहर दुकानदारों की चांदी है.
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के कार्यालय में भी माहौल कुछ खास नहीं बदला है. बाहर कुछ नेता थे और कुछ रेहड़ी वाले. उनका कहना था कि यहां कोई बदलाव नहीं हुआ है, पहले की तरह लोग आ-जा रहे हैं. जब मीटिंग होती है तो ज्यादा भीड़ होती है नहीं तो पहले की तरह ही माहौल है.
गौरतलब है कि एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद बिहार में फिर से सरकार बदल गई है. जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ एक बार फिर आरजेडी के साथ सरकार बना ली है. कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां भी इस महागठबंधन में शामिल हैं. बीजेपी अब सत्ता से बाहर हो गई है.
बीते बुधवार को महागठबंधन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है. इस दौरान हालांकि विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सदन का बहिष्कार किया.
सदन का संचालन कर रहे विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने विश्वास मत पर बहस के बाद ध्वनि मत से विश्वास का प्रस्ताव पारित कर दिया. इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा उपाध्यक्ष से मतदान कराने की मांग की.
इधर, बीजेपी के नेता तार किशोर प्रसाद ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि जब ध्वनिमत से विश्वास मत हासिल हो ही गया है तो वोटिंग की क्या जरूरत और बीजेपी ने सदन का बहिष्कार कर दिया.
इसके बाद वोटिंग कराई गई, जिसमें सत्ता पक्ष के फेवर में 160 मत पड़े, जबकि अविश्वास को लेकर एक भी मत नहीं पड़ा. इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू को खत्म करने की साजिश रची गई थी.