Six Youths Brought Back from Russia to India: यूरोप के देशों में जाने का ख्‍वाब हर कोई संजोकर रखता है. खासकर पंजाब के लोगों में इसका जुनून कुछ ज्‍यादा ही नजर आता है. इसकी वजह से कई बार उनको बड़ी मुसीबत भी झेलनी पड़ती है और जान पर बन आती है. रव‍िवार (24 द‍िसंबर)  को रूस से भारत आई फ्लाइट में 6 ऐसे युवा भी आए थे, ज‍िनको 9 द‍िन भूखा प्‍यासा रहकर और पेड़ के पत्ते खाकर जंगल में ब‍िताने पड़े थे. सुरक्षा बलों की प‍िटाई भी खाई थी. इनमें से पंजाब के जालंधर के एक युवा ने अपनी व्‍यथा सुनाई है.    


टाइम्‍स ऑफ इंड‍िया की र‍िपोर्ट के मुताबि‍क 6 लोग यूरोपीय देशों के लक्ष्‍य को लेकर भारत से न‍िकले थे. इनमें से अकेले पंजाब से 5 और एक हरियाणा राज्‍य से था, लेक‍िन यूरोप के चक्‍कर में वो ऐसे फंसे की उनकी जान आफत में आ गई. जब उनके पर‍िजनों को यह सब पता चला तो राज्यसभा सांसद बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क क‍िया गया, ज‍िसके बाद मॉस्को में भारतीय अधिकारियों के प्रयासों से उनकी रिहाई हो सकी. 


'22 लोगों के ग्रुप के साथ दो कमरों में ठहराया' 


स्‍वदेश वापस लौटे इन 6 युवाओं में से एक, जालंधर जिले के महमुवाल महलान गांव के दलित ईसाई पर‍िवार से संबंध रखने वाला लखबीर सिंह भी है. उसने बताया, "हम, तीन लोगों के ग्रुप ने 12 अक्टूबर को ओमान के लिए उड़ान भरी गई थी. ओमान से 13 द‍िन के बाद मॉस्को ले जाया गया, जहां 5-6 दिन ठहरे थे. हमारे ग्रुप में एक अन्य युवक भी शाम‍िल हो गया. हमें टैक्सियों के जर‍िये बेलारूस ले जाया गया, जहां 22 लोगों के एक ग्रुप के साथ दो कमरों में ठहराया गया. इस ग्रुप में कुछ पाकिस्तानी और अफगानी लोग भी शामिल थे जबकि भारत से केवल पंजाब, हरियाणा और गुजरात राज्‍यों से संबंध‍ित ही थे.''


'अवैध एंट्री करने पर सुरक्षा बलों ने पीटा, जंगल में छोड़ा' 
 
लखबीर ने इस पूरे टूर के बारे में बताया क‍ि हमारे साथ 3 तस्‍कर और आ गए. बेलारूस से एक जंगल में ले जाया गया और कहा गया क‍ि हम लातविया में घुसेंगे. लेक‍िन हम नाकाम रहे और सीमा सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया और पिटाई करने के बाद वापस जंगल में छोड़ दिया. इसके बाद लिथुआनिया की ओर ले जाया गया लेकिन वहां भी असफल रहे. फिर पोलैंड में घुसने की कोशिश करने पर हमें पकड़ ल‍िया गया. 


'दो की हालत हुई खराब, तस्करों ने बताया- दोनों जंगल में मर गए'   


लखबीर ने आपबीती बताते हुए कहा कि इस सबके बाद हमारी हालत बेहद खराब हो गई थी. खाने-पीने के चीजें खत्‍म हो गई और पेड़ के पत्ते खाकर गुजारा करना पड़ा. पंजाब के दो साथी इनमें एक 18 साल का युवक और एक 35 वर्षीय व्यक्ति को चल नहीं पा रहे थे और पीछे रह गए थे. बेलारूस लौटने के बाद हमें कमरों में रखा गया. स्थानीय तस्करों ने बताया क‍ि दोनों जंगल में मर गए हैं.  


'6 के वीजा समाप्त होने पर रूस ने जेल में डाला' 
  
उन्होंने कहा क‍ि फिर उन्हें वापस रूस ले जाया गया. फिनलैंड, फ्रांस और इटली ले जाने को भी कहा. दो बार रूस में एंट्री करने की कोश‍िश की. दूसरी बार में पता चला क‍ि 6 लोगों का वीजा खत्‍म हो गया है. इसके बाद उनको गिरफ्तार करके जेल में बंद कर द‍िया गया.  


एजेंटों को 13 लाख रुपये का भुगतान 


फाजिल्का जिले के सोना संधार गांव के 21 वर्षीय बलविंदर सिंह ने कहा कि उनकी मंजिल स्पेन है. लखबुर और बलविंदर दोनों ने कहा कि उन्होंने अपने एजेंटों को 13 लाख रुपये का भुगतान किया था और 2 लाख रुपये साथ ले गए थे. 


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