'एक देश-एक टैक्स' की ओर एक और कदम, GST बिल लोकसभा से पास
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नई दिल्ली: एक देश और एक टैक्स का रास्ता धीरे धीरे साफ होता जा रहा है. बुधवार को लोकसभा से जीएसटी से जुड़े चार विधेयक पास हो गए हैं. अब सरकार को उम्मीद है कि देश में एक जुलाई से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर देश के लोगों को बधाई दी है. पीएम ने कहा, ''GST बिल पास होने पर सभी देशवासियों को बधाई. नया साल, नया कानून, नया भारत!''
GST बिल पास होने पर सभी देशवासियों को बधाई | नया साल, नया कानून, नया भारत!
— Narendra Modi (@narendramodi) March 29, 2017
जीएसटी लागू होने से क्या होगा? जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में एक ही टैक्स लगेगा, अभी अलग-अलग राज्यों में अलग अलग टैक्स की व्यवस्था है. जीएसटी के लागू होने के बाद केंद्र की ओर से लगने वाले अप्रत्यक्ष कर जैसे उत्पाद शुल्क, सर्विस टैक्स और राज्य की ओर से लगने वाला वैट सब मिलकर एक हो जाएंगे.
अलग अलग सामान के लिए कितना टैक्स लगेगा ये अभी तय नहीं हुआ है लेकिन ये तय हो गया है कि टैक्स का स्लैब क्या होगा. पांच, बारह, अट्ठारह और अट्ठाइस फीसदी के हिसाब से अलग अलग सामान और सेवाओं पर टैक्स लगेगा.
जो चार विधेयक लोकसभा से पास हुए हैं वो क्या हैं और उनसे होगा क्या?
पहला- सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (CGST) इस विधेयक में इस बात की व्याख्या है कि जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार किस तरह से टैक्स वसूल सकती है. इसी विधेयक में एक महत्वपूर्ण बात ये है कि जीएसटी लागू होने के बाद किसी सामान पर टैक्स कम हुआ तो इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना होगा. यानी की टैक्स कम होने पर आपको सामान की कीमत भी कम देने होगी.
दूसरा- इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (IGST) दो राज्यों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार कर लगाने के मकसद से ये विधेयक लाया गया है. इससे आयात किए जाने वाले सामान पर भी टैक्स का अधिकार मिलेगा.
तीसरा- यूनियन टेरीटरी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (UT GST) इस विधेयक के जरिए पांच केंद्रशासित प्रदेशों में जीएसटी लागू करना मुमकिन है.
चौथा- गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल इस विधेयक में राज्यों की उस आशंका को दूर करने की कोशिश की गई है जिन्हें लग रहा था कि जीएसटी लागू होने से उनकी आमदनी घट जाएगी. विधेयक के मुताबिक पांच साल तक नुकसान की पूरी रकम मुआवजे के तौर पर दी जाएगी. इसके लिए 2015-16 में हुई कमाई को आधार बनाया जाएगा
लोकसभा से चार विधेयकों के पास होने के बाद उनतीस राज्यों के साथ दिल्ली और पुदुच्चेरी की विधानसभाओं से भी स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी SGST से जुड़ा विधेयक पास कराना है. उम्मीद है कि एक से दो महीने में ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और एक जुलाई से एक देश एक टैक्स का सरकार का सपना पूरा हो जाएगा.
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