नई दिल्ली: देश का सकल माल और सेवाकर (जीएसटी) संग्रह अगस्त में एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से नीचे 98,202 करोड़ रुपये रहा. सकल जीएसटी संग्रह जुलाई में 1.02 लाख करोड़ रुपये था. वित्त मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी. हालांकि पिछले साल अगस्त के 93,960 करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह के मुकाबले यह 4.5 प्रतिशत अधिक है. चालू वित्त वर्ष में यह दूसरी बार है जब जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के स्तर से नीचे आया है. इससे पहले जून में जीएसटी संग्रह 99,939 करोड़ रुपये था.


बयान के मुताबिक अगस्त में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) संग्रह 17,733 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) संग्रह 24,239 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) संग्रह 48,958 करोड़ रुपये रहा. इसमें 24,818 करोड़ रुपये का आयात संग्रह शामिल है. समीक्षावधि में जीएसटी अधिभार का संग्रह 7,273 करोड़ रुपये रहा जिसमें आयात पर 841 करोड़ रुपये का अधिभार संग्रह शामिल है. अगस्त के अंत तक जुलाई माह के लिए 75.80 लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न दाखिल किए गए. जीएसटी मुआवजे के तौर पर जून-जूलाई अवधि के लिए राज्यों को 27,955 करोड़ रुपये जारी किए गए.


आईजीएसटी के नियमित समायोजन के तहत 23,165 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 16,623 करोड़ रुपये एसजीएसटी में समायोजित किए गए हैं. इस प्रकार अगस्त 2019 में केंद्र सरकार का कुल सीजीएसटी संग्रह 40,898 करोड़ रुपये और एसजीएसटी 40,862 करोड़ रुपये रहा है. अप्रैल-अगस्त अवधि के लिए सकल जीएसटी संग्रह 5,14,378 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 4,83,538 करोड़ रुपये के संग्रह से 6.3 प्रतिशत अधिक है.


वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सरकार ने 6.10 लाख करोड़ रुपये सीजीएसटी और 1.01 लाख करोड़ रुपये राज्यों के राजस्व में कमी के लिए लगाए गए अधिभार से वसूल करने का लक्ष्य रखा है. वित्त वर्ष 2018-19 में सीजीएसटी संग्रह 4.25 लाख करोड़ रुपये और राजस्व मुआवजे के लिए अधिभार का संग्रह 97,000 करोड़ रुपये था.


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