नई दिल्ली: जीएसटी के लागू होने के साथ ही दुकानदारों के पास अपने ग्राहकों को बेवकूफ बनाने और ठगने का हथियार भी मिल गया है, लेकिन अगर आप सजग रहे तो किसी भी ठगी से बच सकते हैं. दरअसल जीएसटी के लागू होने के साथ ही ज्यादातर प्रोडक्ट्स की पुरानी एमआरपी में बदलाव आ गए हैं, लेकिन अब डर है कि कहीं दुकानदार इसी बहाने ग्राहकों से सामान के ज्यादा दाम तो नहीं वसूल लेेंगे. इसी के मद्देनजर राजस्व मंत्रालय और उपभोक्ता मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ग्राहकों को सामान की MRP को लेकर चौकन्ना रहने की बात कही है और कंपनियों के लिए नई MRP एलान करने के नियम और कायदे भी बताएं हैं.
उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि जिन प्रोडक्ट्स की MRP बदल गई हैं उसके लिए कंपनियों को सामान पर नई और पुरानी दोनों MRP देनी होंगी. ताकि ग्राहक जान सकें कि पहली और अबकी MRP में कितना फर्क आया है. सामान पर नई MRP का स्टीकर चिपकाना होगा, लेकिन पुरानी MRP भी नजर आनी चाहिए. इसके साथ ही कंपनी के लिए लाज़मी होगा कि वो अपने प्रोडक्ट्स के नई और पुरानी MRP कम से कम दो अखबारों में विज्ञापन के जरिए उपभोक्ता को बताए.
अब आपको क्या करना है?
अब आप के लिए जरूरी है कि जब किसी सामान को खरीदें, नई और पुरानी MRP जरूर देखें और इसका मिलाप अखबार में आए विज्ञापन से करें. खासकर जिन सामान के दाम कम हुए हैं वहां दुकानदार आपको वो सामान पुरानी MRP से बेचने की कोशिश कर सकता है. इसलिए आपको इसे लेकर चौकन्ना रहने की जरूरत है. आप उन सामानों के बारे में जरूर जानें जिनके दाम जीएसटी लागू होने के बाद घट गए हैं.
क्यों बदल रहे हैं MRP?
दरअसल, MRP में सभी तरह के टैक्स जुड़े रहते हैं. लेकिन जीएसटी के आने के बाद टैक्स सलैब बदल गए हैं इसलिए अब ज्यादातर सामान की MRP बदलने तय हैं.