मुंबई: शिवसेना ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र ने गुजरात विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए सामान्य इस्तेमाल की कुछ चीजों पर जीएसटी की दरों में कम किया है. पार्टी ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वह इस समान टैक्स सिस्टम को लागू करने के खिलाफ थे. गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है.
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया है, ‘‘ देश की गर्दन पर नोटबंदी की कुल्हाड़ी चलने के बाद से अर्थव्यवस्था कभी उबर नहीं सकी. जीएसटी का हथियार सुस्त अर्थव्यवस्था के खिलाफ इस्तेमाल किया गया और महंगाई बढ़ गई.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘ जीएसटी के दरों में कटौती करके सरकार अपने अंहकार को एक तरफ रखकर झुक गई. यह लोगों की जीत है.’’
संपादकीय में कहा गया है, ‘‘ (जीएसटी के लागू होने के बाद) लोगों का गुस्सा आग में तब्दील हो गया. जीएसटी की दरों को कम करने का फैसला इसलिए लिया ताकि गुजरात चुनाव में इसकी भारी कीमत नहीं चुकानी पड़े.’’ एनडीए की सहयोगी ने कहा कि गैर ब्रांडेड खाखरा पर जीएसटी दर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत खासतौर पर गुजरात चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
शिवसेना ने कहा, ‘‘सूरत, राजकोट और अहमदाबाद में छोटे व्यापारी जीएसटी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए जिसने गुजरात में सरकार विरोधी माहौल बना दिया. इस वजह से सरकार को दरों में कटौती करने पर मजबूर होना पड़ा.’’ पार्टी ने दावा किया कि मोदी का शुरू से मानना था कि अगर जीएसटी को लागू किया गया तो मंहगाई बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था सुस्त होगी और गुजरात के मुख्यमंत्री रहते उन्होंने जोरदार तरीके से इस कर व्यवस्था का विरोध किया था.
शिवसेना ने कहा, ‘‘ लेकिन सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने जीएसटी को लागू कर दिया. इस प्रकार मोदी अपनी बात से पीछे हटे. नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों ने अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया.’’