GST से इंडियन ऑयल को नुकसान की आशंका, 2016-17 में 19 हजार करोड़ से ज्यादा का मुनाफा
नई दिल्ली: सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल ने कहा है कि वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी लागू होने से उसे 5000 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि कंपनी को उम्मीद है कि उसकी चिंता को दूर करने के लिए सरकार उचित कदम उठाएगी. जीएसटी पहली जुलाई से लागू करने की योजना है.
दरअसल, पेट्रोल और डीजल समेत पांच किस्म के पेट्रोलियम प्रोडक्ट को फिलहाल जीएसटी से बाहर रखा गया है. अब दिक्कत ये है कि जीएसटी से बाहर होने की वजह से इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं मिलेगा. इसीलिए तेल कंपनियां नुकसान की बात कर रही हैं. इनपुट टैक्स क्रेडिट का मतलब सामान तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर लगा कर, तैयार माल पर लगने वाले कर से घटा दिया जाता है. इससे एक सामान के लिए कर पर कर नहीं लगता और उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं बढ़ता. लेकिन ये स्थिति उन्ही सामान या सेवाओं के लिए होगी जो जीएसटी के दायरे में शामिल हैं.
इंडियन ऑयल के मनोनित अध्यक्ष और मौजूदा समय में डायरेक्टर (रिफाइनरीज) संजीव सिंह ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कहा कि उद्योग की चिंता से सरकार अवगत है और उम्मीद है कि उचित समय पर जरुरी कदम उठा लिया जाएगा. ध्यान रहे कि पेट्रोल-डीजल समेत पांच पेट्रोलियम प्रोडक्ट को भले ही जीएसटी के लिए जरुरी संविधान संशोधन कानून में रखा गया है, लेकिन जीएसटी काउंसिल ने फैसला किया कि इन पर जीएसटी लगने की तारीख बाद में तय की जाएगी. पहली जुलाई के बाद इन प्रोडक्ट पर अभी की ही तरह केंद्र सरकार कस्टम ड्यूटी के अलावा सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी लगाएगी जबकि राज्य सरकार सेल्स टैक्स वसूलेंगी.
रोज कीमत तय करने की प्रक्रिया सिंह ने ये भी जानकारी दी कि पांच शहरों (चंडीगढ, जमशेदपुर, उदयपुर, विशाखापत्तनम और पुड्डुचेरी) में पहली मई से प्रायोगिक तौर पर रोज कीमत तय करने की व्यवस्था के अभी तक अच्छे नतीजे मिले हैं. अब इन नतीजों का आंकलन कर आगे की रणनीति तय की जा रही है. ये पूछे जाने पर कि पूरे देश में रोजाना के आधार पर कीमत तय करने की प्रक्रिया कब से लागू होगी, सिंह का जवाब था कि इस पर काम चल रहा है और जरुरी तकनीकी व्यवस्था तैयार की जा रही है. फिलहाल, इसके लिए कोई समय सीमा नहीं दी जा सकती. ध्यान रहे कि पहली मई से प्रायोगिक तौर पर पांच शहरों में रोजाना के आधार पर कीमत तय करने की व्यवस्था लागू की गयी और उस समय सरकार ने संकेत दिए थे कि प्रयोग की सफलता के आधार पर पूरे देश में रोजाना के आधार पर कीमत तय करने की व्यवस्था साल के अंत तक लागू की जा सकती है.
नहीं बंद होंगे रविवार को पेट्रोल पम्प सिंह ने साफ किया कि रविवार को पेट्रोल पंप बंद किए जाने की खबर पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि पंप बंद कर पेट्रोल-डीजल की खपत कम नहीं की जा सकती है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले दक्षिण भारत के कुछ पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन ने ऐलान किया था कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ईंधन की खपत कम करने के आहवाण की सिलसिले मे रविवार को पेट्रोल पंप बंद रखेंगे. हालांकि बाद में राष्ट्रीय स्तर के डीलर एसोसिएशन ने ऐसी किसी भी पहल को एक सिरे से खारिज कर दिया था.
रिकॉर्ड मुनाफा इस बीच, गुरुवार को जारी अपने नतीजे में इंडियन ऑयल ने कारोबारी साल 2016-17 के दौरान 19,106 करोड़ रुपये मुनाफा कमाने का ऐलान किया जबकि बीते साल ये रकम 11,242 करोड़ रुपये थी. इस दौरान कंपनी की कुल आमदनी 4.06 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 4.45 लाख करोड़ रुपेय पर पहुंच गयी.
कंपनी ने अपने निवेशकों को 1 रुपये फेस वैल्यू वाले शेयर पर 10 फीसदी की दर से अंतिम लाभांश देने का प्रस्ताव किया है. इसके पहले 180 फीसदी यानी 18 रुपये की दर से अंतरिम लाभांश का ऐलान किया जा चुका है.