महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के अमरावती से बाल क्रूरता की चौंकादेनेवाली घटना सामने आई है. यहां तीन माह के एक बच्चे को गर्म हंसिए से दाग दिया गया. बताया जाता है कि बच्चे को पेट में सूजन की शिकायत थी. परिजनों ने उसके इलाज के लिए नीम-हकीम से संपर्क साधा. आरोप है कि उसने अभिभावकों को मासूम को गर्म हंसिए से दागने की सलाह दी. जिसके बाद मामला सामने आने मासूम को अस्पताल ले जाया गया.


'भूमका' की सलाह पर मासूम को गर्म हंसिए से दागा


21वीं सदी में भी कुछ ऐसी घटना घट जाती है जो हमारी पुरानी सोच की याद ताजा कर देती है. अमरावती के मेलघाटा आदिवासी पट्टी में चिखलदारा तहसील के बोरथा गांव में 20 जून को हैरान कर देने वाला मामला सामने आया. यहां अभिभावकों ने अपने तीन महीने के मासूम को ‘भूमका’ (जादू टोना करनेवाली महिला) की सलाह पर गर्म हंसिए से दागा. कहा जाता है कि मासूम के पेट में सूजन था. उन्होंने सूजन का इलाज करने के लिए नीम-हकीम की बताई सलाह पर अमल किया.


पेट में सूजन की शिकायत पर अभिभावक बने क्रूर


जिला सूचना प्रेस रिलीज के मुताबिक घटना की खबर मिलने पर कटकुंभ में उड़न स्वास्थ्य दस्ता गांव पहुंचा और बच्चे को चूरनी प्राथमिक केंद्र ले जाया गया. जब वहां इलाज से संतुष्टि नहीं मिली तो मासूम को उसकी मां के साथ जिला अस्पताल भेजा गया. मामला उजागर होने पर महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने अस्पताल जा कर बच्चे का हालचाल जाना. उन्होंने जिला प्रशासन को भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के आदेश दिए.


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