मुंबई: कभी ना रुकने वाली, कभी ना थकने वाली मुंबई की सड़कों पर उतरकर ट्रैफिक की जिम्मेदारी संभालने वाली मुंबई ट्रैफिक डिपार्टमेंट के जवानों के पास अब नई जिम्मेदारी आ गई है.
यह जिम्मेदारी एक गाईडलाइन के बाद आई है जिसके मुताबिक अब से ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े पुलिस के हर जवान या अधिकारी को किसी भी शख़्स से सिर्फ 'Sir' या 'Madam' या श्रीमान, श्रीमती बोलकर संबोधन के साथ ही बात करनी होगी. नागरिक के भाषा के आधार पर पुलिसकर्मियों को संबोधन चुनने का अधिकार है.
जुर्माने या सज़ा में किसी तरह की कोई विशेष छूट नहीं दी जाएगी
यहां तक कि अगर 18 साल का बच्चा भी अगर ट्रैफिक के नियमों की अवहेलना करता है तो उसे ट्रैफिक पुलिस के जवान या अधिकारी सिर्फ 'Sir' के संबोधन से ही बात कर सकेंगे. हालांकि इस दौरान नियमों का और नियम तोड़े जाने की दशा में लगाये जाने वाले जुर्माने या सज़ा में किसी तरह की कोई विशेष छूट नहीं दी जाएगी.
मुंबई पुलिस ट्रैफिक विभाग के संयुक्त पुलिस आयुक्त यशस्वी यादव के मुताबिक, 'पुलिस और जनता के बीच अधिकतर झगड़ों की शुरुआत तू-तड़ाके की भाषा से ही होती है. हम चाहते है कि पुलिस वाले जनता का सम्मान करें लेकिन नियम तोड़े जाने पर सख्त कारवाई ज़रूर करे. ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को क्या संबोधन करना है यह कोई नई बात नहीं है पर समय-समय पर तहज़ीब को लेकर जागरूकता जरूरी है.'
मुंबई पुलिस में करीब 50 हजार की पुलिस फोर्स है
मुंबई ट्रैफिक डिपार्टमेंट देश का सबसे बड़ा ट्रैफिक पुलिस का डिपार्टमेंट है जहां करीब 4500 पुलिसकर्मियों की पोस्ट सेंक्शन की गई है. जबकि मौजूद स्टॉफ करीब 3500 के लगभग है. इसमें से भी करीब 2500 से 3000 ट्रैफिक पुलिस कर्मी सड़कों पर कानून व्यवस्था की देखरेख करते है.
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