नई दिल्ली: आगामी मॉनसून सत्र के संचालन को लेकर राज्य सभा के चेयरमैन ने अधिकारियों के साथ की चर्चा. चर्चा के दौरान गृह मंत्रालय के सचिव स्वास्थ विभाग के सचिव और डीजी आईसीएमआर मौजूद रहे. चर्चा के दौरान राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि खुद की सुरक्षा भी जरूरी है. इसलिए संसद के सदस्य खुद का कोविड-19 टेस्ट करवाएं.


सदन की कार्रवाई के दौरान हर एक सदस्य मास्क पहने रहेगा और अगर कोई बात भी कहनी होगी तो वह मास्क पहनकर ही कहेगा. एसी की हवा दिन भर में 6 बार बदली जाएगी जिससे कि अगर किसी तरह का संक्रमण हो तो वह निकाला जा सके. संसद सदस्यों के परिवार वालों का, उनके ड्राइवर और स्टाफ का कोविड-19 टेस्ट करवाया जाएगा.


इसके अलावा संसद सदस्यों को डीआरडीओ की तरफ से खासतौर पर तैयार की गई कोविड-19 किट दी जाएगी. इस चर्चा के दौरान राज्यसभा के उपसभापति ने गृह सचिव से कहा कि वह देखें कि अलग-अलग राज्यों ने जो क्वारंटीन के नियम बना रखे हैं, उनको लेकर क्या किया जा सकता है. क्योंकि देश के हर एक राज्य से जब सांसद संसद में आएंगे और वापस जाएंगे तो किसी तरह की परेशानी ना हो.


इसके साथ ही संसद के सभी स्टाफ और अंदर आने वाले लोगों को भी कोविड टेस्ट करवाना होगा. साथ ही सदन में खड़े होकर बोलने की जगह बैठ कर ही संसद सदस्य अपनी बात रख सकेंगे. संसद की कार्रवाई के दौरान संसद में वनवे सिस्टम लागू किया जाएगा यानी की एक रास्ता आने का और एक रास्ता जाने का.


संसद सदस्य सेंट्रल हॉल में भी तभी जा सकेंगे, जब उनका सदन यानी की लोकसभा या राज्यसभा चल रहा होगा. वहीं संसद के अंदर आने के दौरान मैट के जरिए जूतों को भी कीटाणु रहित किया जाएगा. डीआरडीओ की तरफ से सांसदों को जैकेट दी जाएगी, उसमें सैनिटाइजर, मास्क, फेस शील्ड, ग्लव्स, सैनिटाइजेशन वाले वाइप्स और इम्युनिटी बढ़ाने वाली चाय की पत्ती दी जाएगी. वहीं चेयरमैन के दोनों तरफ खड़े रहने वाले मार्शल को भी हर वक़्त मास्क और फेस शील्ड पहनना ज़रूरी होगा.