नई दिल्ली: पहले उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में, फिर बिहार के मुजफ्फरपुर में, फिर राजस्थान के कोटा में सैकड़ों बच्चों की असामयिक मौत हुई. अब गुजरात के राजकोट में भी मासूमों की मौत की घटना सामने आ गई है. बताया जा रहा है कि राजकोट में एक साल में सिविल अस्पताल में 1235 बच्चों की मौत हो गई है. हैरान करने वाला ये आंकड़ा जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 के बीच का है.


सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सिर्फ दिसंबर महीने में 134 बच्चों की मौत हुई है. लेकिन जब इसे लेकर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली.


आंकड़ों के मुताबिक राजकोट सिविल अस्पताल में एक साल में 1235 बच्चों की मौत हुई है. जिसमें....


जनवरी 2019- 122 बच्चों की मौत
फरवरी 2019- 105 बच्चों की मौत
मार्च 2019- 88 बच्चों की मौत
अप्रैल 2019- 77 बच्चों की मौत
मई 2019- 78 बच्चों की मौत
जून 2019- 88 बच्चों की मौत
जुलाई 2019- 84 बच्चों की मौत
अगस्त 2019- 100 बच्चों की मौत
सितंबर 2019- 118 बच्चों की मौत
अक्टूबर 2019- 131 बच्चों की मौत
नवंबर 2019- 101 बच्चों की मौत
दिसंबर 2019- 134 बच्चों की मौत हुई है.


इसके अलावा अहमदाबाद सिविल अस्पताल में तीन महीने में 265 बच्चों की मौत हुई है. जिसमें....


अक्टूबर 2019- 93 बच्चों की मौत
नवंबर 2019- 87 बच्चों की मौत
दिसंबर 2019- 85 बच्चों की मौत हुई है.


बता दें कि इससे पहले राजस्थान के कोटा के जे के लोन अस्पताल में कल हुई तीन बच्चों की मौत के बाद दिसंबर से लेकर अब तक 110 बच्चों की मौत हो गई है. इस साल जनवरी में यानी चार दिनों में दस बच्चों की मौत हो गई है. मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं. सिर्फ कोटा ही नहीं बल्कि राजस्थान के अलग-अलग जिलों से भी बच्चों की मौत की खबर आ रही है. कोटा के बाद कल बूंदी से बच्चों की मौत की खबर आई थी.


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