सूरत: गुजरात के शहर सूरत में दर्दनाक हादसा हुआ है. सूरत के पिपलोद गांव में एक डंपर ने सड़क किनारे सो रहे 18 लोगों को कुचल दिया. इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई. इनमें 14 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि एक मजदूर की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. बाकी 6 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. मरने वालों में एक 8 पुरुष, 5 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं. हादसा देर रात करीब 12 बजे के आसपास हुआ.


 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत में एक्सीडेंट पर दुख जताया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये मुआवजा और घायलों के लिए पचास हजार रुपये देने का एलान किया है. प्रधानमंत्री ने घटना पर कहा, ''सूरत ट्रक दुर्घटना में लोगों की जान जाना बेहद दुखद है. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य़ होने की कामना करता हूं.'' गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भी हादसे पर दुख जताते हुए मुआवजे का एलान किया है. हादसे में मारे गए लोगो के परिजनों के लिए गुजरात सरकार ने दो लाख रुपये मुआवजे का एलान किया है.



राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने बान जारी कर कहा, ''राजस्थान के बांसवाड़ा के मजदूरों सूरत में ट्रक हादसे में मौत से बेहद दुखी हूं. पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं.''



बताया जा रहा है कि गन्ने से भरा ट्रक बेहद तेज रफ्तार होने की वजह से बेकाबू हुआ और फिर सड़क किनारे सो रहे लोगों के लिए काल बन गया. पुलिस के मुताबिक हादसे के शिकार हुए लोग मजदूरी करते थे और सभी राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ के रहने वाले थे. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में तफ्तीश शुरू कर दी है.


इस हादसे में करीब छह महीने की एक बच्ची बच गई लेकिन दुख की बात है कि बच्ची के साथ ही सो रहे उसके पिता, मां और भाई की मौत हो गई. बच्ची के परिवार में अब सिर्फ एक बहन बची है जो राजस्थान के गांव में है. पुलिस ने सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.


यह भी पढ़ें-
ABP Opinion Poll: किसका होगा बंगाल? टीएमसी, बीजेपी या लेफ्ट-कांग्रेस
देश में अब तक 3,81,305 लोगों को दी गई कोरोना वैक्सीन, आए साइड इफेक्ट के 580 मामले