'सार्वजनिक जीवन हमेशा के लिए छोड़ने की सोच रहा हूं', अहमद पटेल के बेटे ने फिर दिया कांग्रेस छोड़ने का संकेत
कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल कांग्रेस पार्टी छोड़ने का संकेत दे रहे हैं. इसका इशारा उन्होंने अपने एक और ट्वीट में किया है.

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है. कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल कांग्रेस पार्टी छोड़ने का संकेत दे रहे हैं. इसका इशारा उन्होंने अपने एक और ट्वीट में किया है. उन्होंने लिखा है कि वे अपने सार्वजनिक जीवन को हमेशा के लिए त्यागने की सोच रहे हैं.
फैसल पटेल ने कांग्रेस को टैग करते हुए ट्वीट किया, "अपने विकल्प खुले रखने का मतलब यह हो सकता है कि मैं सार्वजनिक जीवन को हमेशा के लिए छोड़ने की सोच रहा हूं. बिना किसी पहचान के गरीबों और जरूरतमंदों की मदद कर और काम कर थक गया हूं. "
Keeping my options open’ could mean I’m thinking of quitting public life forever. Tired of working and helping the poor and needy without any recognition.@INCIndia
— Faisal Patel (@mfaisalpatel) April 6, 2022
वहीं, फैसल पटेल ने मंगलवार को अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कहा था कि वे इंतजार करते हुए थक चुके हैं, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है और ऐसे में उन्होंने अपने विकल्प खुले रखे हैं.
'राजनीति में औपचारिक तौर पर आने को लेकर अभी आश्वस्त नहीं'
पिछले महीने के अंत में अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल ने कहा था कि राजनीति में औपचारिक तौर पर आने को लेकर अभी आश्वस्त नहीं हैं. हालांकि, वे अपने गृह जिले भरूच और नर्मदा में पर्दे के पीछे से पार्टी के लिए काम करेंगे. रविवार को एक ट्वीट कर फैसल ने कहा था, "एक अप्रैल से मैं भरूच और नर्मदा जिलों की 7 विधानसभा सीटों का दौरा करूंगा. मेरी टीम राजनीतिक स्थिति की वर्तमान वास्तविकता का आंकलन करेगी और हमारे मुख्य लक्ष्य को पूरा करने के लिए जरूरत पड़ने पर बड़े बदलाव करेंगे." हालांकि, उनके उनके ट्वीट से अब सियासी गलियारों में सुगबुगाहट जरूर पैदा हो गई है.
अहमद पटेल का नवंबर 2020 में हो गया था निधन
गौरतलब है कि लंबी बीमारी के बाद अहमद पटेल का नवंबर 2020 में निधन हो गया था. अब दो साल बाद फैसल पटेल ने कांग्रेस छोड़ने का संकेत दे दिया है. अहमद पटेल को सोनिया गांधी के सबसे शक्तिशाली सहयोगियों में से एक माना जाता था. वह कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष भी थे. अहमद पटेल सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव भी थे और यूपीए शासन के 10 वर्षों (2004-2014) के दौरान वह देश के शीर्ष तीन राजनेताओं में से थे. हालांकि, उन्होंने अपने बेटे या बेटी मुमताज पटेल को राजनीति में एंट्री दिलाने में मदद नहीं की थी. उनके दोनों बच्चे अब तक चुनावी राजनीति में नहीं उतरें.
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