Gujarat: अहमदाबाद की जिस फैक्ट्री में दो मजदूरों की चली गई जान, वहां कैसे हुआ हादसा? जानें, इनसाइड स्टोरी
Gujrat Factory Tragedy: गुजरात के अहमदाबाद में रविवार को एक कपड़ा फैक्टरी में विषैले धुएं में सांस लेने के बाद दो मजदूरों की मौत हो गई जबकि 7 लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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Gujrat Factory Tragedy: दिवाली का माहौल है. हर तरफ फेस्टिवल को लेकर तैयारियां चल रही हैं. सड़कें लाइटों से सजी हुई है. दुकानों में लोगों की भीड़ लगी है. त्योहार के चलते एक ओर लोग कपड़े और पटाखे खरीद रहे तो वहीं अहमदाबाद की एक कपड़ा फैक्ट्री में काल मंडरा रहा था. काल ऐसा कि फैक्ट्री में काम करने वाले दो मजदूरों की मौत हो गई. यही नहीं सात अन्य मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है.
हुआ कुछ ऐसा कि गुजरात के अहमदाबाद में रविवार को एक कपड़ा फैक्टरी में विषैले धुएं में सांस लेने के बाद दो श्रमिकों की मौत हो गई जबकि सात लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस से जब यह जानकारी मिली तो पता चला कि ये हादसा शहर के नारोल औद्योगिक क्षेत्र में देवी सिंथेटिक्स फैक्ट्री में हुआ.
आखिर कैसे फैला जहरीला धुंआ?
बड़ा सवाल ये है कि एक फैक्ट्री में जहरीला धुंआ आखिर फैला कैसे? पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रवि मोहन सैनी ने बताया कि फैक्ट्री में जब तेजाब को टैंक में डाला जा रहा था, तब जहरीला धुआं सांस के जरिए नौ श्रमिकों के शरीर में चला गया. पुलिस के पड़ताल करने से पहले ही दो श्रमिको की मौत हो चुकी थी. डीसीपी ने बताया, “पुलिस को करीब 10:30 बजे हादसे की सूचना मिली थी कि नारोल की एक फैक्ट्री में जहरीली गैस के रिसाव के कारण नौ लोग प्रभावित हुए हैं और उन्हें एलजी अस्पताल ले जाया गया, जहां दो की मौत हो गई.”
चार श्रमिक अस्पताल में भर्ती
इस हादसे के बारे में पुलिस और जानकारी देते हुए बताया कि सात श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से चार की हालत तो बेहद गंभीर है. उनका आईसीयू में इलाज किया जा रहा है. पुलिस ने ये भी बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि छपाई और रंगाई के काम में इस्तेमाल होने वाले तेजाब को टैंक में डाला जा रहा था तभी आसपास के श्रमिक प्रभावित हुए. अधिकारी ने बताया कि पुलिस, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल), औद्योगिक सुरक्षा और गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) के अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची हुई है और सटीक कारण पता लगाने में जुट गई.
मामले की जड़ तक पहुंचने की कोशिश
डीसीपी ने ये भी बताया कि औद्योगिक सुरक्षा और एफएसएल अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि फैक्टरी ने अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) आदि के संबंध में उचित प्रक्रियाओं का पालन किया है या नहीं और अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी.
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