‘’कांग्रेस को पहले से शुरु करनी होगी तैयारियां’’
ABP न्यूज़ से खास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘’इन नतीजों के बाद राहुल गांधी को आत्मचिंतन करने की जरुरत है. कांग्रेस के पास गुजरात में गुजराती वक्ताओं की कमी थी, जिससे पार्टी जनता तक अपनी बात पहुंचाने में असमर्थ नजर आई.’’ उन्होंने कहा, ‘’कांग्रेस ने गुजरात में प्रदर्शन अच्छा किया है. इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा.’’
रशीद किदवई ने आगे बताया, ‘’राहुल गांधी को अगर अपने आप को एक कामयाब नेता साबित करना है तो उन्हें हर हाल में जीतना होगा. कांग्रेस को अब पहले से ही चुनावों की तैयारी करनी होगी. क्योंकि बीजेपी सालों पहले राज्यों में चुनाव की तैयारियां शुरु कर देती है. पीएम मोदी अभी से मिजोरम, मेघालय जैसे राज्यों की चिंता करने लगे हैं. अगर राहुल गांधी सक्रिय राजनीति में लाभ चाहते हैं तो उन्हें छोटी-छोटी टीम बनाकर काम करना होगा.’’
कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर क्या असर होगा?
इस सवाल के जवाब में रशीद किदवई ने बताया, ‘’कर्नाटक में अभी कांग्रेस की सरकार है. यह दक्षिण का एक मात्र राज्य है जहां कांग्रेस सत्ता में है ऐसे में इन दोनों राज्यों में हार के बाद निश्चित रूप से राहुल गांधी पर दवाब बनेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘’अगर राहुल गांधी अगले साल कर्नाटक में भी हार गए तो पीएम मोदी का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना लगभग सच हो जाएगा.’’
रशीद किदवई ने कहा, ‘’कर्नाटक में कांग्रेस के सामने कई समस्याएं हैं. कांग्रेस में वहां तालमेल की बेहद कमी है. कांग्रेस के लिए वहां साम्प्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता जैसे मुद्दे दीवार बनकर खड़े हैं. राज्य में हाल ही में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के हत्यारे पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. कांग्रेस को वहां सोच समझकर चुनाव लड़ना होगा. क्योंकि पीएम मोदी अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाकर जीत हासिल कर लेते हैं.’’
साल 2019 के लोकसभा चुनावों पर क्या असर पड़ेगा?
इस सवाल के जवाब में रशीद किदवई ने बताया, ‘’साल 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत के लिए कांग्रेस को पूरी तैयारी करनी होगी. अगर कांग्रेस गुजरात चुनाव जीत जाती तो पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ जाता और पीएम मोदी और अमित शाह को बहुत बड़ा धक्का लगता. लेकिन अब राहुल गांधी को शुरु से तैयारी करनी होगी.’’
रशीद किदवई ने कहा, ‘’राहुल को जनता से जुड़े मुद्दे उठाने होंगे. राहुल लगातार किसानों का और रोजगारी का मुद्दा उठाते रहे हैं. लेकिन किसान और युवा दोनों समाधान चाहते हैं. ऐसे में राहुल को आगे बढ़कर सामाजिक मुद्दों पर काम करना होगा. बीजेपी ने वर्तमान में धार्मिक संस्थानों के जरिए, सामाजिक संस्थानों के जरिए समाज में बड़ी पैठ बना ली है. ऐसे में राहुल को भी समाज में पैठ बनाने के लिए शुरुआत से तैयारी करनी होगी. इसके लिए राहुल को साधनों और योग्य लोगों की जरुरत है. राहुल को वफादार लोगों की वाह-वाह करना छोड़कर जनता से संवाद बढ़ाने की जरुरत है.’’
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