नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के सलाहकार और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन आरोपों को निराधार बताया है, जिनमें कहा गया था कांग्रेस के टॉप लीडर ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त और पूर्व विदेश मंत्री से मुलाकात की. पीएम मोदी ने एक रैली में कहा था कि पाकिस्तान की सेना का रिटायर्ड अधिकारी अहमद पटेल को गुजरात का सीएम बनाना चाहता है.

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अहमद पटेल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है, ‘’ये बेहद दुखद है कि प्रधानमंत्री जैसे पद पर बैठा व्यक्ति झूठी अफवाहों पर भरोसा कर रहा है और सिर्फ एक चुनाव जीतने के लिए झूठ बोल रहे हैं.’’


पाक अधिकारियों के साथ बैठक के आरोपों को कांग्रेस ने निराधार बताया

क्या कहा था प्रधानमंत्री ने ?

अहमद पटेल को गुजरात का सीएम बनाने के लिए मणिशंकर अय्यर के घर पाक के पूर्व विदश मंत्री के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई थी. पीएम ने कहा, ''कल टीवी पर, अखबार में एक जबरदस्त चर्चा थी और चर्चा इस बात की थी कि मणिशंकर के घर पर पाकिस्तान के उच्चायुक्त, पाकिस्तान के एक पूर्व विदेश मंत्री, भारत के भूतपूर्व उपराष्ट्रपति और भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मणिशंकर के घर पर मीटिंग हुई. ये मीटिंग तीन घंटे तक चली और दूसरे दिन मणिशंकर ने मोदी को नीच कहा. ये एक गंभीर मामला है कि पाकिस्तान के लोगों के साथ गुप्त मीटिंग करने का कारण क्या है ?''

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ''पाकिस्तान सेना के भूतपूर्व डायरेक्टर जनरल अशरद रफीक कहते हैं कि गुजरात में अहमद पटेल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए सपोर्ट करना चाहिए.''

कुछ दिन पहले हुआ था पोस्टर विवाद

बता दें कि कुछ दिनों पहले सूरत के मुस्लिम बहुल उधना दरवाजा की एक मस्जिद के पास लगे पोस्टर में राहुल गांधी के साथ अहमद पटेल के पोस्टर लगे थे. पोस्टर में लिखा था, ‘’कांग्रेस आवे छे, नवसर्जन लावे छे.’’  इसका मतलब हुआ कि अगर गुजरात में कांग्रेस जीती तो सीएम अल्पसंख्यक समाज से आने वाले अहमद पटेल होंगे. साथ ही चुनावों में वोटिंग धर्म आधारित हो. हालांकि पोस्टर किसने लगाए ये अब तक साफ नहीं हो सका है. अहमद पटेल ने पोस्टर में किए गए दावों को बेबुनियाद बताया है.

अहमद पटेल पर एक महीने पहले भी लगे थे आरोप

आपको बता दें कि एक महीने पहले भरुच के एक से गुजरात एटीएस ने आतंकी साजिश के आरोप में कासिम को गिरफ्तार किया था. इस गिरफ्तारी के बाद भी अहमद पटेल विवादों में आए थे, क्योंकि इस सरदार पटेल अस्पताल के संरक्षक खुद अहमद पटेल थे और कासिम की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी अहमद पटेल पर एक के बाद एक कई संगीन आरोप लगाए थे.