Gujarat Election 2022: 4.6 लाख नए वोटर्स, 80 साल के बुजुर्गों को घर से वोट की सुविधा... जानें चुनाव आयोग की 10 बड़ी बातें
Gujarat Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणो में 1 और 5 दिसंबर को कराया जाएगा. नतीजे हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणामों के साथ ही 8 दिसंबर को जारी किए जाएंगे.
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ECI PC Gujarat Elections 2022: चुनाव आयोग (ECI) ने गुरुवार (3 नवंबर) को गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) की तारीखों की घोषणा कर दी. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराया जाएगा.
पहले चरण का मतदान 1 दिसंबर को होगा और 5 दिसंबर को दूसरे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि पहले चरण के लिए चुनाव की अधिसूचना 5 नवंबर को जारी की जाएगी जबकि दूसरे चरण की अधिसूचना 10 नवंबर को जारी की जाएगी. पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया क्रमश: 14 और 17 नवंबर को शुरू होगी. नामांकन पत्रों की जांच 15 और 18 नवंबर को की जाएगी. दोनों चरणों के लिए नामांकन वापसी की तारीख क्रमश: 17 और 21 नवंबर होगी. आयोग ने बताया कि गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम, हिमाचल चुनाव के नतीजों के साथ यानी 8 दिसंबर को जारी किए जाएंगे. इसी के साथ चुनाव की प्रकिया 10 दिसंबर को पूरी होगी.
आइये जानते हैं चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 बड़ी बातें
- गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले निर्वाचन आयोग ने मोरबी के पुल हादसे को लेकर दुख जताया और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ''इससे पहले कि हम प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत करें, हम निर्वाचन आयोग की तरफ से मोरबी की दु:खद घटना से प्रभावित सभी लोगों एवं उनके शोकाकुल परिजनों के प्रति शोक एवं संवेदना व्यक्त करना चाहते हैं.''
- मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि गुजरात राज्य में विधानसभा का कार्यालय 18 फरवरी 2023 को समाप्त हो रहा है, जिसमें अभी 100 दिन से ऊपर बाकी हैं. राज्य में 182 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं. इनमें 140 सीटें सामान्य, 17 एसी और 23 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.
- आयोग ने बताया कि राज्य में कुल 4.9 करोड़ मतदाता है. इनमें 27 हजार कर्मचारी मतदाता, चार लाख दिव्यांग मतदाता, 18 साल से ज्यादा उम्र के 9.8 लाख मतदाता है. 10 हजार मतदाता सौ वर्ष की आयु वाले हैं और 4.6 लाख मतदाता 18-19 वर्ष के बीच की आयु वाले हैं जो पहली बार मतदान करेंगे.
- मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि नए मतदाता, जिनकी उम्र 1 जनवरी 2022 से 1 अक्टूबर 2022 के बीच 18 साल होगी, उन्हें मताधिकार के लिए पंजीकृत करने का मौका मिला है. उन्होंने बताया कि 3 लाख 24 हजार 422 अतिरिक्त नए मतदाता राज्य में पहली बार वोट डाल पाएंगे.
- मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि निर्वाचन आयोग की पहल पर पिछले वर्ष कानून में बदलाव किया गया था, उसके बाद से चार क्वालीफाइंड डेट्स संभव हैं. अगर यह संभव नहीं होता तो ये 3 लाख 24 हजार वोटर इस बार वोट नहीं डाल पाते और इनको एक जनवरी 2023 की क्वालिफाइंग डेट्स के लिए इंतजार करना पड़ता. उन्होंने कहा कि अब इनका नामांकन हुआ है तो उम्मीद है कि वे आएंगे और वोट डालेंगे, इसके लिए आयोग अतिरिक्त प्रयास कर रहा है. राजीव कुमार ने कहा, ''मतदाताओं के साथ हमारे जुड़ने की दो सबसे महत्वपूर्ण जगहें हैं, एक जब हम उन्हें वोटर बनाते हैं और एक जब वो वोट डालने के लिए पोलिंग स्टेशन पर आते हैं. पोलिंग स्टेशन पर महौल कैसा रहेगा और वोट करना कितना आसान रहेगा, यह दूसरा पहलू है, जिस पर बहुत गंभीरता से विचार किया जाता है. अधिकारियों को बड़े पोलिंग स्टेशन पर सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत दौरा करने के निर्देश दिए गए हैं.''
- आयोग ने बताया कि कुल पोलिंग बूथ की संख्या 51 हजार 782 है. हर पोलिंग स्टेशन पर औसतन 948 पोलिंग स्टेशन होंगे. राज्य में स्थापित, मतदान स्थलों में से कम से कम 50 फीसदी मतदान केंद्रों यानी 25, 891 केंद्रो पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था होगी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी अपने-अपने कंट्रोल रूम में लगातार इसकी मॉनिटरिंग करेंगे. सेक्टर मजिस्ट्रेट भी मतदान के दिन पोलिंग स्टेशन का दौरा करेंगे.''
- सभी पोलिंग स्टेशन पर पीने का पानी, वेटिंग एरिया, बिजली, रैंप और टॉयलेट की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. कोई भी पोलिंग स्टेशन प्रथम तल पर नहीं होगा, सभी मतदान केंद्र भूमितल पर होंगे. उन्होंने कहा कि हम इस समय एक अतिरिक्त विशेष पर्यवेक्षक की तैनाती कर रहे हैं, इस अभ्यास को हम अभी शुरू कर रहे हैं, हम इसके साथ प्रयोग कर रहे हैं. हम इसकी रिपोर्ट लेंगे कि पोलिंग स्टेशन वास्तव महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर के लिए पहुंच के लायक है या नहीं. पूरी प्रक्रिया समावेशी है. उसके लिए विशेष पर्यवेक्षक हिमाचल और गुजरात दोनों जगह तैनात किए हैं.
- मतदाता के वोटिंग अनुभव को बढ़ाने के लिए राज्य में 142 मॉडल मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. राज्य में कम से कम 1274 ऐसे पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे जहां पर पुलिस जवानों के अलावा सिर्फ महिलाएं ही तैनात रहेंगी. दिव्यांगजनों को मतदान के लिए प्रेरित करने के प्रयास में कम से कम 182 पोलिंग स्टेशन केवल उन्हीं लोगों के लिए बनाए जाएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमने पहले भी कहा है कि एक सशक्त समाज के लिए आवश्यक है कि उसके हर वर्ग को बिना किसी बाधा के निर्वाचन में प्रतिभाग करने का अवसर मिले, इसलिए जब दिव्यांगजन निर्वाचन प्रक्रिया से सीधे तौर पर जुड़ेंगे तो उससे हमारे प्रयास को और बल मिलेगा.
- मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जो पहली बार मतदान करने जा रहे यंग वोटर्स हैं, उनके लिए हर जिले में एक बूथ ऐसा भी बनाया है, जहां सबसे कम उम्र के एम्प्लाइंज तैनात किए जाएंगे. उन्हें हाल में भर्ती किया है. इस प्रकार के 33 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. वहीं, पोलिंग स्टेशन 69 से वोट डालने के लिए लोगों को 80 किलोमीटर बस से आना पड़ता था. इस बार एक शिपिंग कंटेनर को पोलिंग स्टेशन के तौर पर वहां लगाया जाएगा. एक पोलिंग स्टेशन में एक ही वोटर है, 15 लोगों की टीम उनका एक वोट लेने के लिए जाएगी. यह भारतीय लोकतंत्र की ताकत है. वहीं, एक टीम टापू के आसपास बसे लोगों के लिए नाव से मतदान कराने जाएगी.
- मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि 80 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोविड संक्रमितों को फॉर्म 12 डी भरकर डाक मतपत्र के जरिये घर से वोट डालने की सुविधा दी जाएगी. दो अधिकारी घर में जाएंगे और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी. उन्होंने बताया कि 80 साल से ज्यादा आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 9.89 लाख है. वहीं, पूरे देश में ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 44,904 है.
इस तरह शिकायत कर सकेंगे मतदाता
बता दें कि चुनाव आयोग ने यह भी जानकारी दी कि अगर किसी नागरिक मतदान में जुड़े किसी मामले को लेकर शिकायत करनी है तो वह सी विजिल के माध्यम अपनी बात कह सकता है. उन्होंने कहा कि नागरिक के फोन से ही उनका लेटीट्यूड, लॉन्गीट्यूड रजिस्टर्ड हो जाएगा, सारी शिकायत वहीं आ जाएगी. अगर लिख नहीं सकते हैं तो एक कागज पर लिखकर फोटो खींचकर अपलोड कर सकते हैं. जो भी शिकायत वो करेंगे, उसके निदान के लिए 60 मिनट में एक टीम गठित होकर जाएगी और 100 मिनट के भीतर उनको रिस्पॉन्स मिलेगा.
आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को करना होगा ये काम
साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि अगर किसी उम्मीदवार का कोई आपराधिक बैकग्राउंड है तो उसे एक राष्ट्रीय और एक क्षेत्रीय अखबार में जानकारी प्रकाशित करानी पडे़गी और सोशल मीडिया पर तीन बार उसकी डिटेल पब्लिश करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को भी प्रकाशित करना होगा कि उन्हें क्रिमिनल के अलावा कोई दूसरा उम्मीदवार क्यों नहीं मिला?
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