Gujarat Assembly Election 2022: पीएम मोदी का मिशन कच्छ, देश के सबसे बड़े जिले में करेंगे चुनाव प्रचार
Gujarat Election 2022: देश के सबसे बड़े ज़िले कच्छ में 6 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से चार सीटें 2017 में बीजेपी ने जीतीं थीं. इस बार बीजेपी का टारगेट है सभी 6 सीटों को जीतना.

Gujarat Election 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चुनावी अभियान के तहत कच्छ जा रहे हैं. वहां पीएम मोदी (PM Modi) अंजार ने एक रैली को संबोधित करने वाले हैं. 1995 से कच्छ पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कब्जा रहा है. सिर्फ साल 2002 में जब भूकंप के अगले साल यहां चुनाव हुए थे और उसके बाद 2007 में ही कांग्रेस (Congress) कुछ सीट जीत पाई थी. कच्छ का जिला मुख्यालय है भुज. भुज को देखकर आज ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि ये वही शहर है जहां अब से 21 साल पहले भयानक भूकंप आया था, जिसमे 12 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे और दस लाख से ज़्यादा मकान ज़मींदोज हो गए थे. इन 21 सालों में भुज का कायाकल्प हो गया है. साल 2007 और 2012 के चुनावों तक यहां भूकंप प्रभावित लोगों को राहत का मुद्दा चुनावों में उठता था, लेकिन साल 2022 में चुनावी मुद्दे अलग हैं.
कच्छ में पानी की गंभीर समस्या
रिक्टर स्केल पर 6.9 की तीव्रता से आए भूकंप से कच्छ अब पूरी तरह उबर चुका है, लेकिन इस इलाके में पानी की समस्या सदियों से रही है. बीजेपी लोगों से वोट मांगने के लिए उपलब्धियां गिनाते वक़्त ये ज़रूर याद दिलाती है कि दक्षिण गुजरात से नर्मदा का पानी वही यहां लेकर आई.
सड़क के रास्ते जब भुज से मांडवी जाते हैं तो एक नहर दिखाई पड़ती है. ऐसी ही नहरों के ज़रिये नर्मदा का पानी कच्छ के दूर-दराज़ के इलाकों तक पहुंचाया जाता है. साढ़े सात सौ किलोमीटर दूर नर्मदा जिले के केवड़िया से यहां पानी पहुंचता है.
बीजेपी ने वादा अधूरा ही पूरी किया
कांग्रेस के मुताबिक बीजेपी ने कच्छ में पानी पहुंचाने का वादा अधूरा ही पूरा किया है. काम से ज्यादा प्रचार हुआ है. नर्मदा का पानी तो कच्छ तक पहुंच गया लेकिन गांव-गांव तक ये पानी पहुंचे इसके लिए उप नहरें नहीं बनाई गईं.
कच्छ में बीजेपी का दबदबा
कच्छ भारत का सबसे बड़ा ज़िला है. इस जिले में अबदासा, मांडवी, भुज, अंजार, गांधीधाम और रापर नाम की 6 सीटें आतीं हैं. साल 2017 में अबदासा और रापर सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई थी, जबकि बाकी चारों सीटें बीजेपी को मिलीं. उपचुनाव में अबदासा सीट भी बीजेपी के पास चली गयी. कुल मिलाकर कच्छ की 6 में से 5 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.
कच्छ की कुछ सीटों पर अच्छी खासी संख्या अल्पसंख्यक वोटरों की भी है. चूंकि आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं, इसलिए बीजेपी को लग रहा है कि वोटों के बंटवारे से उसे फायदा पहुंचेगा.
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