Gujarat Election: गुजरात के चुनावी मैदान में इस बार बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के अलावा असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम (AIMIM) भी है. ओवैसी तो मुस्लिम वोट मिलने का लगातार दावा कर रहे हैं. 


ओवैसी सीएम अरविंद केजरीवाल और आप को बिलकिस बानो और दिल्ली दंगे पर चुप रहने को लेकर छोटा रिचार्ज कह चुके हैं. बीजेपी से भी सवाल किया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी ने किसी मुस्लिम को टिकट क्यों नहीं दिया. यह भी पूछा जा रहा है कि पीएम मोदी के नारे सबका साथ, सबका विकास का क्या हुआ? वहीं असदुद्दीन ओवैसी इन मुद्दों पर खुलकर बोलते हुए कांग्रेस, बीजेपी और आप पर निशाना साध रहे हैं. इससे क्या ओवैसी की एआईएमआईएम को चुनावी मैदान में फायदा होगा.


बीजेपी क्यों नहीं दे रही टिकट  


एबीपी न्यूज के खास कार्य़क्रम 'हुंकार' पर बीजेपी प्रवक्ता ऋत्विज पटेल से पूछा गया कि पार्टी ने मुस्लिमों को टिकट क्यों नहीं दिया? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में ही मुस्लिमों को टिकट देना सबको साथ लेकर चलने का एक तय मापदंड नहीं होना चाहिए. हमारे स्थानीय और जिला पंचायत के चुनाव में देखिए कई मुस्लिमों को टिकट दिया और वो जीते भी हैं. वो आगे कहते कि हमें तो मुस्लिम बाहुल्य एरिया में भी वोट मिल रहे हैं.


गुजरात चुनाव में मुस्लिम फैक्टर


मुस्लिमों वोटरों की संख्या गुजरात की 26 सीटों पर 10 से 15 फीसदी है. 11 सीटें ऐसी है जहां पर 15 से 20 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है. वहीं सात सीटों पर 20 से 25 फीसदी और तीन सीटों पर 25 से 30 प्रतिशत मुस्लिम वोटर है. साथ ही 6 ऐसी भी सीटें जहां कि 30 से 55 फीसदी मुस्लिम मतदाता है.  कुल मिलाकर 53 सीटों पर मुस्लिम वोटर प्रभावी है.  बता दें कि गुजरात विधानसभा की 182 सीटों के लिए चुनाव 1 और 5 दिसंबर को होंगे. 


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