Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही पूरे राज्य में इसे लेकर प्रचार-प्रसार का दौर जारी है. इन सबके बीच यहां एक गांव ऐसा भी है, जो इन सभी राजनीतिक नाटकों से पूरी तरह खुद को दूर रखता है. राजकोट जिले के राज समाधियाला गांव की ग्रामीण ग्राम विकास समिति ने गांव में राजनीतिक दलों के प्रवेश और प्रचार पर रोक लगाई हुई है. 


गांव का कहना है कि उम्मीदवारों को प्रचार करने की अनुमति देना क्षेत्र के लिए हानिकारक होगा. इसलिए यहां कोई भी राजनीतिक दल प्रवेश नहीं कर सकता. राजकोट से 20 किमी दूर स्थित राज समधियाला गांव में न केवल राजनीतिक प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, बल्कि चुनाव के समय अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मतदान न करने वालों पर 51 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाता है. 


मतदान न करने पर लगता है जुर्माना 


यहां के लोग ग्रामीण ग्राम विकास समिति (VDC) की तरफ से बनाए गए कई नियमों से बंधे हुए हैं और इनमें से किसी को भी तोड़ने पर भी जुर्माना लगाया जाता है. गांव में लगभग 100 प्रतिशत मतदान हो रहा है और जो भी जानबूझकर मतदान से दूर रहता है, उस पर 51 रुपये का जुर्माना लगता है. यहां तक की गांव का सरपंच भी आम सहमति से चुना जाता है. 


'गांव में होता है शत प्रतिशत मतदान' 


गांव के सरपंच का कहना है कि इस फैसले से यहां करीब शत प्रतिशत मतदान हो जाता है. 1700 लोगों की आबादी वाले एक छोटे से गांव ने एक कमेटी बनाई है. मतदान से कुछ दिन पहले समिति के सदस्य ग्रामीणों की एक बैठक बुलाते हैं और अगर कोई मतदान नहीं कर पाता है तो समिति को इसका कारण बताना होता है. 


सालों पुराना है प्रचार पर रोक का नियम 


"राजनीतिक दलों को गांव में प्रचार करने की अनुमति नहीं देने का नियम 1983 से है. यहां किसी भी पार्टी को प्रचार करने की अनुमति नहीं है. राजनीतिक दलों को भी इस विश्वास का एहसास है कि अगर वे राज समाधियाला गांव में प्रचार करेंगे तो वे उनकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाएंगे. सरपंच ने बताया कि उनके गांव के सभी लोगों को मतदान करना अनिवार्य है. 


ये भी पढ़ें: राहुल गांधी की वजह से ही यहां तक पहुंचे हिमंता बिस्वा, शर्म आनी चाहिए- सद्दाम हुसैन वाले बयान पर कांग्रेस का पलटवार