पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी एस कृष्णमूर्ति ने कहा, ईवीएम की आलोचना बंद होनी चाहिए
टी एस कृष्णमूर्ति कहा, ‘‘राष्ट्रीय दलों ... अगर वे अपनी जिम्मेदारी दिखाना चाहते हैं, तो उन्हें अदालत जाना चाहिए या उन्हें तकनीकी विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र संगठन में जाना चाहिए और इसे साबित करना चाहिए.’’
नई दिल्ली: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी एस कृष्णमूर्ति ने आज कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) ‘असली विजेता’ है और अब इसकी ‘आलोचना’ बंद होनी चाहिए.
दो विधानसभा चुनावों के घोषित किए जा रहे परिणामों पर कुछ क्षेत्रों में इीवीएम को ‘असली विजेता’ कहे जाने संबंधी टिप्पणी पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं सहमत हूं.’’ कृष्णमूर्ति ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘ईवीएम ने अपना काम बेहतर तरीके से किया. कुल मिला कर, कांग्रेस की स्थिति में पिछले चुनाव की तुलना में सुधार हुआ है. भाजपा के कुछ नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है. ईवीएम ने उद्देश्य की पूर्ति की है.’’
यह पूछे जाने पर की क्या अब ईवीएम की ‘आलोचना’ बंद होनी चाहिए उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा होना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर ईवीएम के आलोचक कुछ कहते हैं तो उन्हें अदालत जाना चाहिए और इसे साबित करना चाहिए. हर चुनाव में ईवीएम के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है.’’
ईवीएम की आलोचना करते हुए कुछ साल पहले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा द्वारा लिखी गई एक किताब के उल्लेख पर कृष्णमूर्ति ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ‘ईवीएम पर हमले के दोषी हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय दलों ... अगर वे अपनी जिम्मेदारी दिखाना चाहते हैं, तो उन्हें अदालत जाना चाहिए या उन्हें तकनीकी विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र संगठन में जाना चाहिए और इसे साबित करना चाहिए.’’
कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘दोनों दलों को अहसास होना चाहिए कि मशीन के बारे में बात करने का कोई बात नहीं है. अगर आपकी कोई वास्तविक चिंता है तो अदालत (ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है) जाएं या आईआईटी के निदेशक से संपर्क करना चाहिए और इसे साबित करना चाहिए.’’