गांधीनगर: गुजरात में नेताओं की चुनावी परिक्रमा शुरू हो गई है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद मोदी दो दिन के चुनावी दौरे पर गुजरात पहुंचे. राहुल गांधी की तरह ही पीएम मोदी ने भी अपने गुजरात दौरे की शुरूआत द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन के साथ की. आपको बता दें कि गुजरात में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.


प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गांव वडनगर जाएंगे नरेंद्र मोदी


पीएम मोदी और राहुल गांधी के लिए क्यों अहम हैं ये चुनाव?


पीएम मोदी के लिए ये चुनाव महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद राज्य में यह पहला चुनाव है. पिछले एक महीने में  पीएम मोदी की यह तीसरी गुजरात यात्रा है.



पिछले महीने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी गुजरात यात्रा में सबसे पहले द्वारकाधीश मंदिर पहुंचे थे. गुजरात में विधानसभा के चुनाव दिसंबर में  हैं. यह चुनाव पीएम मोदी और राहुल गांधी दोनों के लिए ही काफी अहम हैं. राहुल गांधी के सामने कांग्रेस को गुजरात में जिंदा करने की चुनौती है. वहीं, नरेंद्र मोदी के लिए ये नाक की लड़ाई है.



राज्य में 1995 से लगातार बीजेपी का कब्जा है


साल 2001 से 2014 तक नरेंद्र मोदी लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे. प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार गुजरात में उनके बिना चुनाव होगा. मोदी के साथ साथ गुजरात, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का भी गृह राज्य है और इस राज्य में 1995 से लगातार बीजेपी का कब्जा बना हुआ है. ऐसे में बीजेपी के लिए 2017 की चुनावी जंग को जीतना जरूरी है.


एक महीने में पीएम मोदी कब-कब गए गुजरात?


पीएम मोदी पिछले एक महीने में तीन बार गुजरात जा चुके हैं. सबसे पहले वो जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ 13 सितंबर को गुजरात पहुंचे और वहां बुलेट ट्रेन की आधार शिला रखी. इसके बाद 17 सितंबर को अपने जन्मदिन के मौके पर गुजरात गए और आज तीसरी बार वह गुजरात गए. यहां उन्होंने द्वारका बेट औऱ ओखा को जोड़ने वाले पुल का शिलान्यास किया. ये पुल करीब 962 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा.


पीएम मोदी ने दिया विकास को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब


पुल के शिलान्यास के साथ मोदी ने विकास को लेकर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया. पिछले दिनो अपनी गुजरात यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने घूमघूम कर ये कहा कि गुजरात में विकास पागल हो गया है. मोदी ने इसका जिक्र किए बिना अपने अंदाज में पलटवार किया और कहा, ‘’माधव भाई सोलंकी के टाइम पर पानी की टंकी के उद्घाटन की तस्वीर छपती थी, हम ऐसा विकास नहीं चाहते. विकास का मतलब है कि उसका फायदा अगली पीढ़ी को मिले.’’


15 दिन पहले ही आ गई दीवाली- पीएम मोदी


विकास के मोर्चे पर विपक्ष को धराशायी करने के बाद मोदी ने गुजरात में GST का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा, ‘’मैंने आज देश भर के अखबार देखे. हेडलाईन थी कि दीवाली 15 दिन पहले आ गई. कल हमने जीएसटी पर बड़े फैसले लिए. हम नहीं चाहते की व्यापारी परेशान हो.’’ यहा पढ़ें पूरी खबर


बता दें कि GST लागू होने के बाद से छोटे व्यापारी और कारोबारी सबसे ज्यादा परेशान हैं. गुजरात में बड़ी संख्या में ऐसे व्यापारी मौजूद हैं. सरकार ने कल ही GST में कुछ बड़े बदलाव करते हुए छोटे व्यापारियों के लिए राहत का एलान किया है.


नाराज पाटीदारों को मनाना भी है मोदी का यात्रा का मकसद


मोदी की इस चुनावी यात्रा का एक मकसद बीजेपी से नाराज पाटीदारों को मनाना भी है, इसीलिए यात्रा की शुरूआत सौराष्ट्र से हुई जहां पाटीदारों का दबदबा है. मोदी के दो दिनों के कार्यक्रम जामनगर, राजकोट, चोटिला, गांधीनगर, वडनगर और भरूच में रखे गए हैं. इनमें से तीन जिले जामनगर, राजकोट और सुरेंद्रनगर सौराष्ट्र में हैं, जहां पाटीदारों की आबादी करीब 30% है.



पाटीदारों को मनाने में जुट गई है बीजेपी


सौराष्ट्र में गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीटों में से 52 सीटें हैं, जिनमें जीत हार तय करने में पाटीदारों की बड़ी भूमिका होती है. 2015 में हार्दिक पटेल के आरक्षण आंदोलन के बाद से पाटीदार बीजेपी के खिलाफ हैं. जबकि इसके पहले तक पाटीदार बीजेपी के पक्के वोटर माने जाते थे. अब चुनाव के पहले बीजेपी एक बार फिर पाटीदारों को मनाने में जुट गई है. मोदी अपने दौरे के दूसरे दिन वडनगर में अपने गांव भी जाएंगे. ये उत्तरी गुजरात में आता है और यहां भी पटेलों की अच्छी खासी संख्या है.